स्वर्ण मण्डित रामचरितमानस

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मध्य प्रदेश के पूर्व (आईएएस) अधिकारी सुब्रमण्यम लक्ष्मी नारायणन तथा उनकी पत्नी सरस्वती ने तांबे से बने 500 प्रष्ठ , 14 बाई 12 इंच आकार, 24 कैरेट सोने की परत चढ़ी हुई, 151 किलो वजन, तांबे और तीन-चार किलो सोने से निर्मित चेन्नई के बुममिडी बंगारू ज्वैलर्स (जिन्होंने सेंगोल का डिजाइन बनाया था) द्वारा निर्मित स्वर्णमण्डित रामचरितमानस अयोध्या के श्री राम लला को भेंट की थी।
नव संवत्सर 2081 को नवरात्र के प्रथम दिन 9 अप्रैल 2024 मंगलवार को इन दोनों पति-पत्नी की उपस्थिति में रामलला के आसन के पास 15 फीट की दूरी पर एक पत्थर के आसन पर श्री राम मंदिर ट्रस्ट की उपस्थिति में आरुण कर दी गई।
भेंट कर्ता और स्वर्ण मण्डित रामचरितमानस का चित्र ऊपर है।

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