व्योहार राम मनोहर सिंहा

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व्योहार राम मनोहर सिंहा का जन्म 15 जून 1929 को जबलपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम व्योहार राजेंद्र सिंह था, वह हिंदी सेवी थे। शांति निकेतन में व्योहार राम मनोहर सिंहा जी ने शिक्षा ग्रहण की। यह भारतीय चित्रकार (कलाकार) थे।
इन्होंने भारतीय संविधान का अपने चित्रों द्वारा चित्रण (अलंकरण) किया था। 22 वर्ष की उम्र में इन्होंने भारतीय संविधान जैसे बड़े कार्य के लिए अपना योगदान देकर भारतीय संविधान को विश्व का सबसे सुंदर संविधान का गौरव प्रदान किया था।
शांतिनिकेतन विद्यालय में संविधान को अलंकृत करने का कार्य श्री नंदलाल जी को सोपा गया था, लेकिन उन्होंने अपनी 70 वर्ष की उम्र के चलते हुए असमर्थता जताई और यह कार्य व्योहार राम मनोहर सिंहा को सौंप दिया था। संविधान के अलंकरण में इनके पिता श्री व्योहार राजेंद्र सिंहा ने परोक्ष रूप से अपना योगदान दिया था।
भारतीय संविधान की मूल प्रति के प्रथम पृष्ठ में भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक धरोहरों को शामिल किया गया है, साथ ही कई अन्य चित्रों को भी मूल प्रति में स्थान मिला है। बचे हुए चित्रों को शहीद स्मारक प्रेक्षा गृह में दीवारों पर तथा नवनिर्मित संसद भवन में स्थान मिला है। उनके सम्मान में 2024 में मरणोपरांत (भारत रत्न) से अलंकृत किया गया है।
25 सितंबर 2007 को मध्य प्रदेश के इंदौर में इनका निधन 78 वर्ष की उम्र में हो गया था। संविधान पर हस्ताक्षर के नाम पर इन्होंने केवल राम लिखा था। वह प्रति नए संसद भवन के द्वार पर शिलालेख के रूप में लगी हुई है।

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