आजादी के अमृत काल में-----
10 माह पूर्व हवाई दुर्घटना में बलिदान हुए राष्ट्र के पहले (सीडीएस) बिपिन रावत के बाद सरकार ने नियमों में बदलाव करके पहली बार तीन स्टार सैन्य अधिकारी *अनिल चौहान* को दूसरे (सीडीएस) का पदभार सौंपा।
पहले नियमों के अनुसार केवल तीनों सेनाओं के पद पर रहे, 4 स्टार जनरल यानी----- सेना, नौसेना, वायु सेना, के अध्यक्ष पद पर रहे ही (सीडीएस) बन सकते थे।
18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल में कमीशन दिया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला, और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र है।
बारामुला सेक्टर के उत्तरी कमान की इन्फेंट्री संभाली, उत्तर-पूर्व कोर की कमान संभाली, कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों में अपनी कामयाबी का परिचय दिया था। नियुक्तियों के अलावा सैन्य संचालन निदेशक, सहित अन्य पद संभाले। उन्होंने सेना में 40 साल सेवा दी थी।
उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक व सैन्य पदक, मिल चुके हैं।ये सैन्य मामलों के विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे।------जय श्रीराम जय हिन्द वन्दे मातरम् -------धर्मे
सीडीएस अनिल चौहान की फोटो ऊपर है।