परिंदों का जहां फिर से आबाद

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आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष से लेकर आजादी के अमृत काल तक दिल्ली, एनसीआर और अरावली पर्वत श्रंखला में अद्भुत छटाओं का आगमन-----
एक समय वह था जो परिंदे अपना आशियाना छोड़ने को मजबूर थे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बाद खनन पर रोक लगी। संज्ञान में आने के बाद सरकार तथा प्रकृति प्रेमियों के प्रयास तथा वन विभाग के ध्यान देने के बाद से अरावली क्षेत्रों में फिर से विकास कार्य शुरू हुए।
नतीजा यह हुआ कि हरियाली, सौंदर्य, रखरखाव और प्रकृति के खुद से संवर्धन के चलते देसी - विदेशी पक्षियों का मुकाम तथा कलरव फिर से सवंरने लगा है।
बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट बनाए गए। रास्तों पर वृक्षों की कतारों पर, सुल्तानपुर सेंचुरी में (ग्रेडेड केनरी), सूरजकुंड सेंचुरी में नवंबर में स्मोकी बाबलर परिंदे देखे गए।
2 साल बाद सितंबर 2022 में देखने को मिला इंडियन स्कीमर। एनसीआर में ऐतिहासिक बाजारों,, आधुनिक मालों और धरोहरों के साथ-साथ नैसर्गिक खूबसूरती से राजधानी की सड़कों के वृक्ष और अरावली की छटा अनुपम हो चली है।
परिंदों के कोलाज की तथा सुंदरीकरण किए गए हॉट स्पॉटों की जानकारी की फोटो ऊपर है-----धर्मे

आजादी का अमृत कालWhere stories live. Discover now