70 साल बाद (कूनो पार्क) में चीतों का बसेरा

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      आजादी के अमृत काल में 70 साल के बाद मध्य प्रदेश के (कूनो पार्क) में चीतों का आगमन हुआ------
       1948 में आखिरी बार देखे गए चीतों के बाद 1952 में भारत सरकार ने चीता प्रजाति को विलुप्त घोषित कर दिया था। सेंट्रल प्रोविंस एंड बरार अब (छत्तीसगढ़) के जंगल में कोरिया के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने आखरी तीन चीतों का शिकार किया था।
          70 साल बाद वन्य जीव विशेषज्ञ एसपी यादव की देखरेख में नामीबिया से चीते की पेंटिंग वाले चार्टर्ड प्लेन से 3 चीते तथा 5 मादा चीते मध्य प्रदेश के पालमपुर जिले के श्योपुर के (कूनो अभ्यारण) में 17 सितंबर 2022 को लाए गए।
        अभ्यारण में चीतों के लिए 6 क्वारंटाइन बाड़े बनाए गए हैं, वहां पर उन्हें नामीबिया से आए विशेष विशेषज्ञों की देखरेख में रखा जाएगा। जयपुर की बजाय यह चीते ग्वालियर में उतारे गए। 1 घंटे बाद दो चिनूक हेलीकॉप्टरों द्वारा (कूनो अभ्यारण) ले जाए गए वहां प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने चीतों को क्वारंटाइन बाड़े में अपने जन्मदिन 17 सितंबर को पिंजरे से बाहर निकाला।
      1 महाद्वीप (नामीबिया) से दूसरे महाद्वीप भारत में लाए गए चीतों को समान मौसम मिलेगा दोनों महाद्वीपों के मौसम में समानता है।
          एक महीने बाद इन्हें बड़े बाड़ों में छोड़ा जाएगा। इसके बाद एक चीते को अभ्यारण में छोड़ा जाएगा। जब यह चीता निर्भय होकर शिकार करने लगेगा, तब एक-एक करके अन्य चीतों को भी छोड़ दिया जाएगा।
            पर्यटकों को 3 महीने बाद जनवरी 2023 में चीते देखने को मिलेंगे। इनकी प्रतिक्रिया पर नजर रखने तथा वन्य अधिकारियों को जानकारी देने के लिए (चीता मित्र) नियुक्त किए गए हैं।
       इनकी सुरक्षित देखरेख के लिए इनके गले के पट्टे में जो डिवाइस लगाई गई है, उसे सैटेलाइट और जीपीएस से कनेक्ट किया गया है। इनकी सुरक्षा के बेहतर से बेहतर इंतजाम किए गए हैं।
           इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा----- इन चीतों के साथ भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना भी पूरी ताकत से जागी है। दुर्भाग्य रहा कि वर्ष 1952 में हमने चीजों को देश से विलुप्त घोषित कर दिया, लेकिन दशकों तक उनके पुनर्वास के सार्थक प्रयास नहीं किए, आज आजादी के अमृत काल में यह अवसर मिला है।------धर्मे
          अभयारण्य में विचरते हुए चीते की तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की फोटो ऊपर है-----धर्मे

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