उज्जैन -- सनातन धर्म का महा वैभव

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आजादी के अमृत काल में उज्जैन के महाकाल मंदिर ज्योतिर्लिंग के प्रांगण में सनातन धर्म का वैभव 11 अक्टूबर 2022 को सुसज्जित दिवाली त्योहार सा दिखेगा।
मध्य प्रदेश सरकार व (महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति) के प्रयास से भव्य मंदिर प्रांगण का निर्माण किया गया है। 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी करेंगे मंदिर प्रांगण का लोकार्पण।
750 करोड़ लागत के महाकाल मंदिर का दो चरणों में भव्य निर्माण किया जाएगा, जिसमें पहले चरण का निर्माण हो चुका है।
प्रथम चरण की लागत 316 करोड़, 920 मीटर प्रांगण की लंबाई, 108 खंभों पर अंकित शिव परिवार की कथाएं, व जीवंत होता हजारों वर्ष का धर्म, इतिहास, काल, को चुनौती देता यह मंदिर प्रांगण विविधताओं की मिसाल होगा। बदल जाएगी उज्जैन की तस्वीर।
महादेव यहां स्वयंभू दक्षिणमुखी विराट शिवलिंग रूप में विराज रहे हैं। शमसी वंश के लुटेरे शमसुद्दीन इल्तुतमिश ने 1235 में मंदिर तोड़ा था। 1728 में मराठा शासकों ने मालवा पर विजय प्राप्त करके 1731 से 1809 तक उज्जैन को मालवा की राजधानी बनाया था।। उसी समय के बीच मंदिर का पुनः निर्माण करके इसे भव्य रुप दिया गया था।
प्रांगण की हर एक प्रतिमा पर (क्यू आर कोड) होगा, उन्हें फोन में स्कैन करके श्रद्धालु इस में वर्णित कथा, कालखंड, इतिहास, की पूर्ण जानकारी पा सकेंगे।
पुराणों में वर्णित रूद्र सागर ताल के किनारे बना यह नयनाभिराम प्रांगण सनातन धर्म की विशेषता, वर्तमान भारत सरकार की जीवटता तथा मोदी के संकल्प का नया प्रतिमान है।------धर्मे
नवनिर्मित भव्य महाकाल मंदिर के प्रांगण की फोटो ऊपर है।

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