सूर्य यान (आदित्य एल -1) एक वेधशाला

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           शुक्रवार 1 सितंबर 2023 को सूर्य यान (आदित्य एल-1) की उल्टी गिनती शुरू गई की गई थी। शनिवार 2 सितंबर 2023 को निर्धारित समय 11:50 पर  (पीएसएलवी - 57) से (जो 59 बार उड़ान भर चुका है) इसरो के वैज्ञानिकों ने आदित्य एल-१ को लॉन्च कर दिया।
             सूर्य यान पूरी तरह से स्वदेशी है, यान में लगे सात पेलोड हैं। सूर्य के चारों ओर सात लैंग्रेज प्वाइंट स्थित हैं। सूर्य यान के (दो- तीन -चार -पांच) पेलोड सीधे सूर्य की ओर होंगे जो विद्युत, चुंबकीय और चुंबकीय क्षेत्र डिटेक्टर का प्रयोग करके प्रकाश मंडल, फोटो स्पेयर के बीच का अध्ययन करेंगे।
         सूर्य यान आदित्य एल -१ के शेष (एक- छै -सात) पेलोड लैंग्रेज पॉइंट एल -1 पर सूर्य की बाहरी परत (कोरोना) का अध्ययन करेंगे।
        इसरो के वैज्ञानिकों को सूर्य से निकलती ऊर्जा, प्रकाश की गतिविधियां, विशेषताओं, मौसम की गतिशीलता आदि की जानकारी मिलने की उम्मीद है।
         यान की लांचिंग के बाद एक घंटा कुछ मिनट की पांच प्रक्रिया के प्रयोग के बाद यान को (पीएसएलवी 57) ने 235 एक्स 19500 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित कर दिया।
          यान पीएसएलवी - 57 से निकल कर 15 लाख किलोमीटर 125 दिन की यात्रा पर निकल चुका है। यान अपनी पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन घूमेगा।
           यान की पहली कक्षा 3 सितंबर 2023 को, दूसरी कक्षा 5 सितंबर 2023 को देर रात 2:30 पर, तीसरी कक्षा देर रात 10 सितंबर 2023 को, चौथी कक्षा 15 सितंबर 2023 को बदली गई।
         19 सितंबर 2023 को यान एल-१को रात 2:00 बजे ट्रांस लैंग्रेजियन प्वाइंट १ इंस्ट्रक्शन(टीएल१आई) की प्रक्रिया द्वारा आदित्य एल-१ को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर पहुंचा दिया गया।
        6 अक्टूबर 2023 को आदित्य एल-१ रास्ता न भटके इसलिए टेजेक्टरी करेक्शन मनूवर (टीसीएम) की प्रक्रिया करके यान को लैंग्वेज पॉइंट एल-1 की ओर अग्रसर कर दिया गया है। यान अपनी बची हुई 110 दिन की यात्रा पर निकल चुका है,ये नए साल 2024 में अपनी यात्रा पूरी करके लैंग्रेज पॉइंट एल-१ पर पहुंच जाएगा, और अपना कार्य शुरू कर देगा।
       6 जनवरी 2024 को (आदित्य एल -१ वेधशाला) लैंग्रेज पॉइंट एल - 1 पर पदार्पण कर चुकी है।
           यान की लांचिंग की फोटो ऊपर है------
          
          
           

       

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