भारत की ताल पर थिरकते दिल

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         कई वर्षों से मनाया जाने वाला 9 जनवरी को (प्रवासी दिवस) आजादी के अमृत काल में महत्वपूर्ण रूप से मनाया गया।
          दुनियाभर में बसे भारतीयों ने अपने भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक, पारंपरिक, परंपराओं को जिस प्रकार से जिया प्रचारित- प्रसारित किया, विश्व के कण-कण में समाहित किया है, जिससे (भारतीय सनातन जीवन पद्धति) का परचम ऊंचाइयों के शिखर पर है।
            इसीलिए प्रवासी भारतीयों के सम्मान में (प्रवासी दिवस) 9 जनवरी को मनाया जाता है। भारतीयता का ही तो प्रभाव है जो इंग्लैंड की पूर्व प्रधानमंत्री अपनी पत्नी (जिन्होंने साड़ी पहनी हुई है) के साथ मंदिर में पूजा कर रहे हैं। फोटो ऊपर है।
          उच्च शिक्षा के बल पर विदेशों में बसे भारतीय हर क्षेत्र में अपनी कुशलता दर्ज करा रहे हैं जिस देश ने भारत पर 200 वर्ष राज्य किया आज भारत के ऋषि (ऋषि सुनक) अपनी भारतीयता का निर्वहन करते हुए प्रधानमंत्री पद पर विराजमान है।
       भारतीय शिक्षा का ही तो महत्व है जो आज सुंदर पिचाई, सत्य नडेला, इंदिरा नूई, प्रणव मिस्त्री, राजा कृष्णमूर्ति जैसी अन्य विभूतियों ने विश्व में भारत की चमक बिखेरी है। कुछ महान विभूतियों की फोटो ऊपर है।
         परिधान, नृत्य, परंपरा, गायन - वादन, राष्ट्रीय, धार्मिक, पारिवारिक, अनुष्ठानों के साथ भारत का नाम रोशन करने की महत्वाकांक्षा तथा अपने जड़ों से जुड़ कर *वसुधैव कुटुंबकम* के भाव के साथ विश्व में भारतीयता की डोर भारतीय प्रवासी मजबूत कर रहे हैं।
          हमें हमारी भारतीयता पर गर्व है।
    

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