क्या लिखूं तेरी फर्माइश पे
खुश हूं, तूने की है अर्से बाद
मैं बस लिखता था तेरे लिए
खुश हूं, हैं तुझे आज भी यादहर अल्फाज में बांधता था, तेरी तारीफों के पूल
हैरान हूं, कैसे फिर भी तूने झोक दी, इन आँखों में धुलतेरी खुशी के लिए, दी मैंने, हर एक कुर्बानी
हैरान हूं, कैसे आसानी से कह गई, थी वह मेरी नादानीलौट आयी हैं आज, खा ज़माने से ठोकर
कशमकश में हूं, खिलाडी को हराने, उन्होंने चलाया कैसा चक्करमत हो परेशान, तुझे रखूँगा महफ़ूज़, आज भी अपनी बाहों में
कशमकश में हूं, कहीं तू लौट ना जाए, फिर लटका मुझे चौराहे मेंतेरे लिए मर-मिटना, हैं मुझे आज भी गवारा
सातवें आसमान में हूं, सुन, तेरे टूटे दिल का, मैं ही सहारालिखा है तेरी फर्माइश पे, कुछ खता हुई, तो माफ़ करना
सातवें आसमान में हूं, देख मेरे कंधो से बहता, तेरे आसुओं का झरना#SwapnilThakur
#NadaniyaDilKi
#ManavPuraanMorning of 23rd August 2021
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Nadaniya...Dil Ki
PoetryThe dilemma of a heart whether to love what it has even if it's painful or to run behind what looks rosy until finding it!