साल भर से बैठे थे घर में
Corona ना हो जाये, थे इस डर मेंउंगलियां थक गई sanitize करते करते
बर्तन भी मांझ लिये बीवी को ड़रते ड़रतेBirthday का गिफ्ट भी, anniversary पे खोला
Cancel कर दिया शिमला प्लान, और राइड गंडोलामास्क भीं बनवाया, डिजाइनर वाला
मास्क के बाहर का मुंह, हो गया कालायोद्धाओ को सलाम कर, पीटी जोश में थाली
जो बीमारी को हव्वा कहता, मारी उसको गालीहल्दी, मुलेठी, शहद और खाया रोज बकरा
अंडे भीं हफ्ते भर में, ख़तम किये फिर अठराबीवी से भी सोशल distance बना कर ही रक्खा
ना गये किसी की मय्यत पे, ना दोस्त का था जब रोक्कासब्जी भी खरीदली lockdown से पहले
मनमर्जी तेरी, तू जितना भी कायर कहलेवैक्सीन का डोस भी डर डर के लगवाया
दुसरे दिन से बुखार नें, बदन बहोत तपायामुझको नहीं, पापियों को होगा, इस आवेश में रहा नहीं
पर आज एक हफ्ता हो गया, बुखार अभीं तक गया नहींकतार में रुक, swab टेस्ट भी करवाया
Negative आया देख, मुझे दुबारा कतार में लगवायारिजल्ट में लगतीं देरी नें, कर दिया मुझको दंग
घुसा दिया लंबी मशीन में, कहा जेब रखो ना तंगमुर्दा शिफ्ट हों गया, हुआ है एक बेड ख़ाली
जल्दी से पैसा भरदो, या नेता लाएगा अपनी सालीदवाई भीं क्या मुझको, घर से ही लानी थीं?
Advance मुझसे लेकर, क्या यहीं खबर सुनानी थीं?पेड़ लगाते मेरे फोटो को, Insta पे like तो करों
साँस नहीं आ रहीं, cylinder में oxygen तों भरो...मेरी आवाज़ कोई सुन क्यों नहीं रहा
प्लास्टिक में लपेट मुझे, घसीट रहें कहां?स्वर्ग को जाती बुलेट ट्रेन में, बगल में बैठा Corona
बोला, देदी तुमको मुक्ती, अब तो दोस्ती करो नापुरा साल घर रह, हर कायदे को मैंने पाला है
फ़िर भीं मेरे घर में घुसा, तू झूठा नौटंकी साला हैदेखो भाई,
मैं घडी देख कर काम नहीं करता
तेरी ही तरह, lockdown और पुलिस से नहीं डरताSanitizer तेरा, था बड़ा ही नकली
मास्क गले पे रखा था, तो पकडली तेरी उंगलीचल अब खुश हो जा, जहन्नुम से तुझे निकाला है
धरती पर तो तुमने, इंसानियत को बेच डाला हैउलझ गया था तु, रंगो को बांटने में
भूल गया था इंसानियत, इंसानो को काटने मेंहर वन्य-जीव को तुने, राक्षसी रूप दिखाया है
तुझको कैसे मारा जाये, उन्होने मुझे सिखाया हैडॉक्टर और राजनेता में, तुझे मसीहा समझ ना आए
धत तेरी अकल पर, बेहतर है तू मर ही जाएपिछे मुड़ कर देखा मैंने, कालाबजारी चल ही रहीं
भगवान, इंसान बना दे उनको, तब तक मैं सोता हु यहीं25th April 2021
#SwapnilThakur
#AlmightysEmbryo
#NadaniyaDilKi
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Nadaniya...Dil Ki
PoetryThe dilemma of a heart whether to love what it has even if it's painful or to run behind what looks rosy until finding it!