क्यूँ कहता है दिल से, जा ढूंढ ज़माने में खुशी
ज़रा दिल मे झांक अपने, वह तो तेरे भीतर ही बसीदिल बेचारा नहीं हैं, हैं ये बड़ा बेईमान
मिलकर आया तेरे महबूब से, देख वह तीर कमान
करेगा ये जश्न, तुझे ग़म मे रुलाकर
उछालेगा ये जाम, तुमसे खुशी भुलवाकरअगर आया इसके बहकावे में, तुझे ग़म लगेगा अपना
खुदसे ही फिर तु पूछेगा, वह थी कोई हकीक़त, या कोई प्यारा सपनाग़म मे इसके, ना बनना जोगी
वह होगी उसी की, जिसके किस्मत में होगींसच कहा तूने, ऐ अजनबी
दिल की बातों में, न आऊंगा अब कभीसुन ले तु, दिल-ऐ-ग़द्दार
तु ही है वह चौकीदार
छिपाया जिसने मुझसे हर बार
पर आखिर मिल ही गई मेरी नुर-ऐ-बहार#SwapnilThakur
#ManavPuraan
#NadaniyaDilKi19th August 2021
11PM
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Nadaniya...Dil Ki
PoetryThe dilemma of a heart whether to love what it has even if it's painful or to run behind what looks rosy until finding it!