अनु हवाक राज की बातें सुनती रही !
राज : अब तुम अपने आप जुड़ गई मेरे काम में तो मै क्या करू !
अनु : प्लीज़ तुम हमे छोड दो मै विक्रम से बात करुंगी कि वो काम ना छोड़े !
मै वादा करती हू कि मै विक्रम को राजी कर लूंगी !
राज : अनु मैडम अब राजी करने का टाइम निकल गया ! अब तो बस बात आर या पार !
अनु एकदम से उठ कर राज के पांव पकड कर बैठ गई और रोते हुए बोली : मै तुम्हारे पांव पडती हू मुझे और मेरी बच्ची को छोड़ दो ! जिन्दगी में मुझ पर एक उपकार कर दो कि मुझ पर यकीन करो मै विक्रम को मना लूंगी !
राज अपने पैर छुडाते हुए बोला : जब तक दिलावर सिंह कहता नही तुम यही रहोगी !राज दरवाजा बंद करके बाहर निकल गया !
अनु रोते हुए बैड पर गुड़िया को गोद में लेकर बैठ गई ! उसे समझ ही नही आ रहा था कि अब क्या करे !
उधर विक्रम दिलावर सिंह के अड्डे पर पहुंच चुका था ! विक्रम कार खडी करके तेजी से मेन गेट खोलता हुआ अन्दर दाखिल हो गया ! उसे दिलावर सिंह के किसी भी आदमी ने नही रोका ! विक्रम बडे से हाल कमरे में पहुंच गया ! सामने सोफे पर दिलावर सिंह बैठा था ! विक्रम को देखते ही बोला : अरे आज इस तरफ का रास्ता कैसै भूल गये ? लेकिन मै जानता था तुम मेरे साथ काम जरुर करोगे !
विक्रम गुस्से से : अनजान बनने की कोशिश मत कर दिलावर सिंह ! मै जानता हू कि तू कितना हरामी है ! सीधा बता अनु कहा है ?
दिलावर सिंह : अरे ! तुम्हारी अनु तुम्हारे पास होगी ! मेरे पास क्या लेने आयेंगी !
यह कह कर दिलावर सिंह और उसके आदमी हंसने लगे !
विक्रम ने फुर्ती से गन निकाल कर दिलावर सिंह की कनपटी पर लगा दी ! ये इतनी जल्दी हुआ कि दिलावर सिंह के पास खडे आदमी भी समझ नही पाये !
विक्रम गन दिलावर सिंह की कनपटी से लगाकर : हंसना बंद कर ! तू जानता है ना मै तेरा यही कीमा बना सकता हू और तेरे किसी भड़वे में हिम्मत नही है मुझे रोकने की ! बता अब अनु कहा है नही तो भेजा निकाल कर चील कऊवो को खिला दूंगा !
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नई सड़क पार्ट-1
Mystery / Thrillerकहते है कि जीवन में सुख किस्मत से मिलता है ! लेकिन किसी के हाथ की लकीरों में जीवन ही ना लिखा हो तो...? एक ऐसी कहानी जिसमें जीने के लिए,खुशी पाने के लिए जद्दोजहद है ! रोमांस, थ्रिलर, एक्शन ,अंडरवर्ल्ड और मर्डर के बीच एक साधारण सी कहानी...