पाठ-11

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रात को पापा के आने के बाद बाते कर के और अपना कालेज का होमवर्क करके अनु कब सो गई उसे पता ही नही चला !

सुबह नहा धो के नाश्ता करके अनु कालेज के लिए तैयार हो गई और मां को आवाज देकर घर से तेजी से निकल गई !

कालेज पहुंचते ही अनु की आंखें राज को तलाशने लगी !

उसने राज की क्लास की तरफ जा कर देखा ! राज क्लास में नही था ! अभी साढ़े नौ बजे थे ! अनु ने सोचा शायद राज रास्ते में होगा !
अनु अपनी कलास में चली गई ! अनु की कलास शुरू हो चुकी थी ! लेकिन अनु का दिल बिल्कुल भी नही लग रहा था ! वो राज को देखना चाहती थी !

अनु की क्लास जैसे ही खत्म हुई वैसे ही अनु तेज कदमों से राज की क्लास की तरफ बढ गई ! राज की क्लास से टीचर बाहर निकली ! अनु टीचर को देख कर थोडा साईड हो गई ! टीचर के दूर जाते ही राज की क्लास से लडके बाहर निकले ! अनु ने अन्दर झांका तो राज अपनी सीट पर बैठा था !

अनु उसको देख कर तसल्ली से बाहर आ गई और राज को फोन मिला दिया !

अनु कालेज के गार्डन की तरफ एक पेड के पीछे खडी होकर राज को फोन मिला रही थी !

तभी राज फोन उठा कर क्लास से बाहर निकला और आस पास देख कर बोला : हैलो ! कहा हो तुम ?
अनु: सुबह से तुमको ढूंढ रही थी ! दो बार तुम्हारी क्लास में भी आई ! तुमने मुझे फोन भी नही किया !
अनु रुआसा सा मुंह बना कर बोली !

राज फोन पर: नही यार वो आज मुझे नोट्स जमा करने थे क्लास में तो बिजी था ! और शाम को डैड ने एक पार्टी रखी है घर पर तो शायद मैं बिजी रहूगा !

अनु फोन पर: कोई बात नही ! रात को फोन पर बात कर लेगे !
राज फोन पर: नही तुम फोन मत करना,मै खुद फ्री होकर कर लूगा ! क्योंकि घर पर सब होंगे तो बात करना मुश्किल होगा !

राज ने फोन रख दिया ! अनु थोडा उदास हो गई ! लेकिन फिर सोचने लगी अपने दिल को समझाते हुए कि : कितनी पागल हूं मैं ! राज की फैमिली है कल तो मिला मुझसे ,अब उसके खुद के भी तो काम होंगे ! तो वो खुद फ्री होकर फोन कर लेगा या मिल लेगा !

नई सड़क पार्ट-1Where stories live. Discover now