पाठ-22

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अनु को याद आया कि कल रात जो उसने अपनी गैलरी से किसी आदमी का साया देखा था वो भी कुछ ऐसा ही था !

अब अनु उसके पास से निकलती हुई आफिस के अन्दर घुस गई ! अनु ने उस आदमी का चेहरा अच्छी तरह देखा ! वो काला सा आदमी उसके गाल पर कटे का बडा सा निशान था ! डरावना सा था वो आदमी !

अनु सोच में पड गई कि कौन हो सकता है !
सारा दिन आफिस में काम में बिजी रही अनु ! बीच बीच में अनीता से हसी मजाक ,कब दिन बीत गया पता ही नही चला !

अनु घर के लिए निकल गई आफिस से बाहर आ कर उसको फिर उसी आदमी का याद आया ! अनु ने आसपास देखा ,वो आदमी कही नज़र नही आया !

अनु ने घर पहुंच कर दरवाजा खोला और हाथ मुंह धोकर चेंज करके अपने लिए कुछ बनाने लग गई !

अनु फ्री होकर लिविंग रूम में ही टीवी देखने लगी !
तभी दरवाज़े की बैल बजी !

अनु सोचने लगी इस वक्त रात के आठ बजे कौन आ गया !

उसने दरवाजा खोला तो सामने एक सफ़ेद कुर्ता पैजामा मे एक उम्र दराज आदमी लम्बी चौड़ी कद काठी वाला , आंखों पर काला चश्मा, खडा था !

अनु के कुछ बोलने से पहले वो आदमी बोला : बेटी पैर छुओ और अन्दर आने को बोलो ! हम तुम्हारे ससुर जी है !

अनु को कुछ समझ नही आया कि क्या बोले ! उसे याद था कि विक्रम ने तो कहा था कि मेरे मां बाप को मैने देखा ही नही !

अनु कुछ कह पाती इससे पहले वो आदमी अन्दर आ गया और लिविंग रूम में सोफे पर बैठ गया और उसके साथ दो हट्टे कट्टै आदमी भी अन्दर आ गये और उस आदमी के एक साइड खडे हो गए !

वो आदमी सोफे पर बैठ कर अनु के घर को देखते हुए बोला : अच्छा घर है ! बहुत शांती है घर में ! अकेली रहती हो बिटिया ?

अनु ने हां में सर हिलाया !

आदमी : हम विक्रम के बाबू जी है ! पाला पोसा हमने उसे ! लायक बनाया ! अब देखो लायक बन गया तो तुम्हारे बारे में हमें ही नही बताया ! हम मना थोडे ही कर देते !

अनु : जी ! शायद वो आपको बताने के लिए सही वक्त देख रहे हो !

आदमी : ठीक है बिटिया अगर ऐसा है तो समझाओ उसको कि बाबूजी को छोड़कर काम नहीं कर पायेगा वो !
यह बात कहते ही उस आदमी ने अपने कुर्ते की जेब से गन निकाल कर टेबल पर रख दी !

नई सड़क पार्ट-1Where stories live. Discover now