पाठ-17

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अनीता हाथ मुंह धोकर जब लाईट बंद करके बैडरूम की तरफ जाने लगी तो उसकी नजर एक  पैकैट पर पडी जो सोफे के पीछे पडा था ! अनीता ने उस पैकेट को वही खोल लिया उसके अन्दर दो चूड़ियों के डब्बे और दो बहुत ही कीमती ड्रेस थी दोनों ड्रेस पर परची थी एक अनु के नाम की और एक अनीता के नाम की ! साथ में लिखा था फ्रैंडशिप गिफ्ट !

अनीता वो पैकैट उठा कर बैडरूम में आ गई और जोर से खुश होकर बोली : अनु देख विक्रम। हमारे लिए गिफ्ट भी लाया था !
अनु जो लेटी थी हैरान होकर देखने लगी !

ड्रेस काफी महंगी थी ! अनु बोली : तू ही ले ले दोनों मुझे कोई मतलब नही इनसे और मुझे कहना भी मत कुछ !

अनीता : यार ठीक है तू मत ले ,रखी रहने दे लेकिन मैं तेरा गिफ्ट नही ले सकती जब विक्रम ने तुझे दिया है !

अनु : ठीक है मैं उसे खुद वापस कर दूंगी : यह कह कर अनु सो गई !
अनीता बहुत खूश थी और वो भी सो गई !

सुबह उठ कर अनु और अनीता सारे कामो से फ्री होकर आफिस निकल गई !

अनु ने अपना फोन देखा और जैसे ही नैट आन किया तो बहुत सारे मैसज एक साथ  आ गये ! अनु ट्रेन के एक तरफ खडी थी अनीता उससे कुछ दूरी पर !

अनु एक एक करके मैसज पढ़ने लगी !
सारे मैसज विक्रम के थे !

पहला मैसज : तुम जितना मुझसे दूर जाओगी उतना मै करीब आऊगा !

दुसरा मैसज : तुमको बदल दूगा मै !

तीसरा मैसज : मै तुम्हारे घर अनीता के लिए नही तुम्हारे लिए आया ! क्योंकि मुझे तुमसे पहली नजर में प्यार हो गया !

चौथा मैसज : अनीता मेरी अच्छी दोस्त है लेकिन तुम मन्जिल हो !

पांचवां मैसज : ये बात इसलिए अभी साफ कह दी जो दिल में था कह दिया !

अनु एक साथ सारे मैसज पढ कर हैरान सी हो गई और चलती ट्रेन से बाहर देखने लगी ! उसके दिल में एक तरफ गम था उसके सारे सपने,उम्मीदे मर चुकी थी लेकिन दुसरी तरफ पता नही एक अजीब सी खुशी सी थी वो खुद ही नही समझ पा रही थी कि उसे क्या लग रहा था !

नई सड़क पार्ट-1Where stories live. Discover now