बस एक दीदार को
ये आंखें तरस गई हैं
सिर्फ बातें सुनकर
मन खुश न रहे
खुशनसीब तो है
आपके घर का आईना
जो रोज आपके हुस्न का
दीदार करता है।
आप पढ़ रहे हैं
क्योंकि हिन्दी में कुछ बात है...
Poetryमेरी और मेरे दोस्तों ने लिखी हुई कुछ हिन्दी पंक्तियाँ
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बस एक दीदार को
ये आंखें तरस गई हैं
सिर्फ बातें सुनकर
मन खुश न रहे
खुशनसीब तो है
आपके घर का आईना
जो रोज आपके हुस्न का
दीदार करता है।