काश उस दिन ऐसा होता
काश उस दिन वैसा होताकाश उस दिन ऐसा होता
काश उस दिन वैसा होताइसी सोच मे डूबे हम रात को सुबह करते है
नींद पता नहीं कहा छिप गई
नींद पता नहीं कहा छिप गईआज कल तो हम बस तारे गिना करते है
बस तारे गिना करते है।
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क्योंकि हिन्दी में कुछ बात है...
Poetryमेरी और मेरे दोस्तों ने लिखी हुई कुछ हिन्दी पंक्तियाँ