मोह लिया है लोगों ने
खुदको सारी खुशियों से दूर
बस वो है
उनका काम है
बाकी सब अनजान है
अब कैसे समझाए इन नादानोको
इस जीत मेे भी हार है
आज ठुकराई हुई ये सारी खुशिया
वो कल सब बेकार है
वो कल सब बेकार है***
और इसी के साथ इस किताब का भी अंत हो रहा है। जल्द ही मिलते है अगली किताब मेे।
आप सभी readers का इतना प्यार देने के लिए बेहद शुक्रिया।
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क्योंकि हिन्दी में कुछ बात है...
Poetryमेरी और मेरे दोस्तों ने लिखी हुई कुछ हिन्दी पंक्तियाँ