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कविता तो हम लिख दे,
मगर किस पर लिखे ये व्यथा है,
आपके अलावा कुछ सूझता नहीं,
और आप पर लिखना अब एक सज़ा है।

क्योंकि हिन्दी में कुछ बात है...जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें