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शब्दों के glass को होठो से लगाए
कहानियों की sip लिए जा रहा हूं मैं
गानों की बीड़ी को उंगलिओं में दबाए
हर एक धुन पिए जा रहा हूं मैं
लोग कहते है मत करो
हा
लोग कहते है मत करो
फिर भी नशे में डूब रहा हूं मैं
कला के इस समंदर की
गहराइयों को डूब रहा हूं मैं

क्योंकि हिन्दी में कुछ बात है...Where stories live. Discover now