क्या नाम है तुम्हारा कही तुम ख़ुदा तो नहीं,
ऊॅंगलीयोंसे जान भर दी पत्थर में
पत्थर में रहता तो नहीं!नरम मुलायम मिट्टी में मंजिल हासिल की है,
कहीं किसी ख्व़ाबों का यह कोई घर तो नहीं!हमनें सुना है वह सारे कायनात का मालिक है,
अपनी कला दिखाने धरतीपर आया तो नहीं!
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अक़्स
General Fictionwinner of "Popular Choice Awards India 2019". in ** ( Poetry: Hindi )** "अक़्स" "REFLECTION" चला जाता हूँ जहाँ जहाँ तेरा अक़्स दिखाई देता है, छुपा लूँ जमाने से मैं कितना भी जख़्म दिखाई देता है! हम अपने दोस्तों को मिलनें चलें जाये क्यूँ बताओं...
एक मुर्तिक़ार
क्या नाम है तुम्हारा कही तुम ख़ुदा तो नहीं,
ऊॅंगलीयोंसे जान भर दी पत्थर में
पत्थर में रहता तो नहीं!नरम मुलायम मिट्टी में मंजिल हासिल की है,
कहीं किसी ख्व़ाबों का यह कोई घर तो नहीं!हमनें सुना है वह सारे कायनात का मालिक है,
अपनी कला दिखाने धरतीपर आया तो नहीं!