कैसी है ये जिंदगी

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कभी देखा तो कभी अनदेखा किया हमने,
हर क़दम कुछ न कुछ सिखा किया हमने!

वक़्त हर वक़्त मुझे आजमाया हर किसी ने,
कभी दोस्तों दुश्मन से न गिला किया हमने,

किया वही जो अच्छा लगता था मुझको,
कभी झूठ कभी सच को पुछा किया हमने!

जहाँ जहाँ मिला वह शख़्स जाने के बाद,
तन्हाई में जागते जागते सोचा किया हमने!

ऐसा नहीं के मैंने कभी याद न किया उसे,
रास्ते पे उस ख़ुद को ही रोका किया हमने!

झ़ील के भी शायद है बहोत चाहने वाले,
उनसे मिलने का जरूर वादा किया हमने!

कभी ख़ुदा कभी सनम कभी जमाने पर,
उन पर भरोसा ख़ुद से जादा किया हमने!

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