इश्क

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मेरे इश्क़ का बाजार ना करना
कभी तुम भी थे दीवाने
कभी मैं भी था दीवाना
मेरा मेहबूब हैं बेजार ना करना
कभी तुम भी थे दीवाने
कभी मैं भी था दीवाना

यह रोग लाईलाज है दवा बे असर हैं
इन जख्मों का इलाज़ ना करना
कभी तुम भी थे दीवाने
कभी मैं भी था दीवाना

इस शहर में वैसे भी हर कोई दगाबाज है
इस शेर को औजार ना समझना
कभी तुम भी थे दीवाने
कभी मैं भी था दीवाना

है पैसा ही सबकुछ जान का क्या हैं
इस ईमान का घाट ना करना
कभी तुम भी थे दीवाने
कभी मैं भी था दीवाना

परखा है जमाना परख लिया दोस्त
इस नाचीज़ को शायर ना बनाना
कभी तुम भी थे दीवाने
कभी मैं भी था दीवाना

एक झील

अक़्स Where stories live. Discover now