meera ka khoff-12

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श्याम ने वंश को अपने चेस्ट पर सुला लिया था और उसके बाद में खुद एक सोच में गम हो गया.....

श्याम को समझ नहीं आ रहा था कि उसे किस बात से तकलीफ हो रही है....

मीरा वंश को अपना गोद में उठे हुए थी ईस वजह से या फिर वंश मीरा के साथ गुल मिल रहा था वजह से.....क्यूंकी कल रात भी तो श्याम ने वंश को मीरा के बाहों में सोया हुआ देखा था.... लेकिन उस वक्त तो इतना गुसा नहीं आया था .....तो फिर अब क्या वजह थी की शाम बिना किसी वजह के ही मीरा के ऊपर बुरी तरह से टूट पड़ा.....😈😈

ऐसा नहीं था की श्याम ने पहले मीरा पर कभी गुस्सा नहीं किया था पिचले 3 महिनों में श्याम जब भी घर आटा  था वह मीरा पर बिलकुल बुरी तरह से गुस्सा करता था और कई बार तो उसे मीरा को छोटे भी पहुंचाई थी ...😔😔

लेकिन हर बार उसने बात का खास ख्याल रखा था की जब श्याम मीरा पर गुस्सा कर्ता था उप वक्त माधुरी जी आसपास नहीं होती थी....

लेकिन आज  श्याम ने साड़ी हदें पार कर दी थी उसे माधुरी जी के सामने ही मीरा  पर गुस्सा किया  और तो और माधुरी जी के साथ भी बहुत बुरे तारिके से बात की.....😲😲

बेमन से ही सही लेकिन माधुरी जी के लिए ही श्याम इस रिश्ते का बोझ उठा रहा: था और माधुरी जी का ख्याल रखते हुए ही वह मीरा पर अनके सामने गुसा नहीं करता था.....

लेकिन आज से श्याम ने ना ही अपने गुसे को रोका था और ना ही बात का ख्याल किया था की माधुरी जी पर इस्का क्या असर पड़ेगा.....

ईस तरह ​​से सोचते हुए श्याम ने अपनी आंखें बंद कर ली....

माधुरी जी हॉल में सोफ़े पर ही बैठी थी उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था की अचानक से शाम को यह सब क्या हो गया और उसे मीरा के साथ गलत तरिक से बात क्यों की....और तो और आज मीरा की तो कुछ गल्ति भी नहीं थी बल्की वह तो वंश के साथ खेल ही रही थी.....☹️☹️

माधुरी जी मन में सोचने लगी कहीं यह सब मेरा वहम तो नहीं के अब हमारे घर से दुख के बादल हटने वाले हैं या प्राथमिकी कुछ ऐसा है जो सामने होते हुए भी दिखलाई नहीं दे रहा.....

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