निंद का bahana बना कर मीरा कमरे में आ गई थी मीरा को इस तरह जल्दी से जाता हुआ देख कर माधुरी जी ने सोचा की सच में ही मीरा thak गई होगी......क्योंकि पुरा दिन वंश का ख्याल भी तो वह अकेले ही rakhti है....इसिलिए माधुरी जी ने भी के बारे में में ज्यादा नहीं सोचा....
माधुरी जी का ध्यान भी अपने खाने से हटकर मीरा की taraf लग चुका था माधुरी जी वाह पर बैठे हुए जाने किन ख्यालों में gum हो gayi.....
मीरा room में आ गई और room में आते ही दरवाज बंद कर लिया....
दरवाजा को band कर के मीरा अपनी आंखें बंद कर वही पर बैठ गई और अब तक बड़ी मुश्किल से रोके हुए अपने आंसुओं को बहने दिया....
मीरा को samajh नहीं आ रहा था के यह. Anshu श्याम के रवैया पर है या फिर अपने माता-पिता के द्वारा कर दी गई iss शादी के लिए.....
मीरा सरी बातो को सोचते हुए वही पर घुटनों में सर रख कर जाने कब तक रोटी रही...

जब मीरा के मन का gubar बहार निकला तो वह अपने आप चुप हो gayi....
मीरा ने जब समय देखा to 11:00 बज ne वाले वाले थे मीरा कमरे में 10:00 बजे आई थी उस ko समय का पता ही नहीं लगा .,..अक्टूबर का महिना khatam hone वाला था नवंबर आने वाली thi- थोड़ी सी थंड अपने पैर psar चुकि थी.....
मीरा को जब दरवाजे पर बैठे हुए ही thand का आभास हुआ तो वह वाह से uth बिस्तर के पास आ gayi.....लेकिन मीरा में itni हिम्मत नहीं थी कि वह बिस्तर के ऊपर चढ़कर सो sake.,..
बिस्तर पर सोने के ख्याल से ही मीरा को शाम का रवैया याद आ jata था....मीरा वही बिस्तर के पास बैठ गई और अपना एक हाथ बिस्तर पर रखकर अपना सर रखकर आंखें बंद कर ली.....
कुछ अपनी सोच की वजह से और कुछ रोने की वजह से मीरा का सर भारी होने लगा था और उसे निन्द भी आने लगी थी इसलिय मीरा ने अपनी आंखें बंद कर ली थी....
माधुरी जी को भी खाने की मेज पर बैठे हुए जब थंड का आभास हुआ तो देखा की वे तो अपना Saal भी कामरे में ही भूल आई हैं....unhone अपनी प्लेट में ध्यान दिया उनका खाना ठंडा हो गया था और अब खाने का मन भी नहीं था इसलिय माधुरी जी ने अपनी प्लेट उठाई और रसोई में चली गई....
BINABASA MO ANG
kuwari maa
RomanceMeera ek sunder aur sanskari ladki thi ...jiski shadi Mumbai ke Ek famous buissness man se kar di gayi thi.... lekin mera Nahin janti thi ki ye uski life ka ek turning point hone vala hai ...