Meera ka khoff -10

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अगली सुबह  5 बजे....

बाकी दिनों की ही तरह मीरा आज भी सुबह5 बजे उठ गई थी.....

मीरा ने सूबा नाह: धो कर आरती की तयारी कर ली थी मीरा के बाद में  माधुरी जी भी उठ कर nha धो कर आ गई थी....

उसके बाद में  दोंनों ने  आरती की और फिर अपने कामों में लग गई.....

वन्स अभी तक नहीं उठा था इसलिय मीरा और माधुरी अपने कामों में लगी थी. Iss  खबर से anjaan की शाम ऊपर वाले कमरे में सो रहा है.....

मीरा और माधुरी जी में से किसी को यह खबर तक नहीं थी की कल रात को श्याम घर आया और ऊपर वाले कमरे में  ja कर सो गया.....

जिस दिन श्याम घर aata था इस् दिन माधुरी जी ही अपने हाथों से नाश्ता  तैयार  कार्ति थी जैसे की उनको पता नहीं था कि शाम ऊपर ही सो रहा है तो मीरा ने आज नाश्ता  बना दिया था.....

मीरा के बाद में  माधुरी जी और मीरा दोंनों ने नाश्ता  कर लिया उसके बाद में  वह दोंनों वही पर बैठ वंश के उठने का इंतजार करने लगी.....

हाल में बैठ माधुरी जी मीरा को कुछ किसे सुना रही थी....लेकिन मीरा का पुरा ध्यान माधुरी जी ki बातों में नहीं था इसलिय वह सिरफ ha hu मैं ही जवाब दे रही थी.....

अपनी बातों को खत्म करने के बाद में  माधुरी जी ने समय देखा  to 9:30 बजे the  माधुरी जी मीरा  को बोली( मीरा बेटा आप  ja कर वंश के लिए दूध tyar कर दो.....)

मीरा uth kar रसोई में चली गई मीरा दूध तैयर कर ही रही थी तबी वंश  से रोने की आवाज sunai दी माधुरी जी समझ गई थी की वंश उठ चुका है.....

वंश की आवाज़ मीरा  ne भी सुन li थी इसलिय मीरा भी बहार आ कर बन्स को उठने के लिए आने लगी तो माधुरी जी ने उनको बोला की वह पहले  ja कर दूध तैयर कर ले तब तक मैं वंश को लेकर aati हू.....

मीरा तो वापस शे रसोई में चली गई लेकिन माधुरी जी वंश को बहार लाने के लिए कमरे में pahunch चुकी थी....

माधुरी जी ने रोते हुए वंश को अपनी गोद में uthaya और उसे चुप कराने लगी.....

माधुरी जी का बोल सुनकर वंश ने आंखें खोली और चुप हो गया लेकिन अगले ही पल वंश को क्या सुझा की वह और भी जोर से रोने लगा माधुरी जी बोल बोल कर वंश को चुप करा रही थी लेकिन माधुरी जी की बातो का वंस पर कोई असर नहीं दिख  रहा था......

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