Meera ka khoff -11

6 1 6
                                    

श्याम की हवेली में मीरा की हसी की आवाज gunj रही थी जब श्याम ने मीरा की हसी की आवाज सुनी और साथ में वंश को भी हंसते हुए देखा तो श्याम को मीरा के हसी किसी शराप से कम नहीं लगी.....

श्याम.ने पूरा जोर लगाकर आवाज लगाई बस करो यह सब....!

मीरा  और माधुरी जी ने जब श्याम की आवाज सुनी तो उनकी हसी गयब हो गई और श्याम के चेहरे को गुसा देख कर दोंनों के मन चिंता से भर गए....

माधुरी जी और मीरा दोंन यह देखर hairan थी की शाम अचानक से घर में कैसे आ गया....और बड़ी बात यह थी की शाम दरवाजे से नहीं बल्की ऊपर सिद्धियों से aa रहा था....

मीरा और माधुरी जी मामले को samjhne  की कोशिश कर ही रही थी की तबी शाम सिद्धियां उतरता हुआ मीरा के बिलकुल पास में आ गया.....

श्याम को मीरा की तरफ बढ़ता हुआ देख कर माधुरी जी भी वही पर आ गया....

अब श्याम ने बोलना शुरू किया वह भी पूरी तरह  गुसे के साथ है.....

श्याम मीरा पर लगभग चिल्लाता हुआ बोला" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बेटे को हाथ लगाने की.....तुमने Chua कैसे मेरे बेटे को अपन गंदा हाथों से....😡😡😡

मीरा और माधुरी जी चुपचाप श्याम की बातों को सुन रही थी मीरा  तो जैसे किसी सदमे में चली गई थी.....

शाम को सामने देखना  मीरा के लिए किसी सदमें से कम नहीं था लेकिन अब तो श्याम उसके सामने खड़ा भी था और उस ke जो मन में आए बोले भी जा रहा था.....😢😢

श्याम ने आगे बढ़ झटके के साथ वंश को मीरा के हाथों से छिन लिया....मीरा की हाथ जैस the वैसा ही हवा में रह गए....

मीरा से श्याम के हाथों में आते ही वंश भी jor से रोने लगा....

एक बार फिर से  मीरा की आंखों से आंसू बहने लगे....माधुरी जी भी श्याम की हरकत पर बिलकुल hairan थी......

माधुरी जी आगे आई और बोली "यह तुम क्या बोल रहे हो श्याम ...??

वंश मीरा का भी बेटा है ye सिरफ तुम्हारा बेटा नहीं है....???

श्याम बोला  मां बस किजिये आप मैं अब और कुछ नहीं सुन्ना चाहता....वन्स सिर्फ मेरा बेटा है सिर्फ और सिर्फ मेरा समझी आप....😡😡

kuwari maa जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें