मीरा का ख़ौफ़-7

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मीरा तो श्याम के लिए खाना गरम करने की खातिर रसोई में चली गई थी लेकिन श्याम वंश को देखने के लिए वैशाली के room में चला गया था....

जब श्याम ने वंश को देखा तो पाया की श्याम बड़े आराम से सो रहा था....वंश को इस तरह से चेन की nind सोटे हुए देख कर श्याम उस के पालने की तरफ बढ़ गया.....

श्याम ने आगे झुक कर वंश के माथे को किस कर लिया....लेकिन जब श्याम की नज़र वंश के बदन पर पड़ी तो उस ne देखा की वंश को एक कंबल में लिपटा कर सुलाया हुआ है.....

वंश को इस तरह से बिना कपड़ों के सिरफ एक कम्बल में सोता हुआ देख श्याम को गुस्सा आ गया श्याम ने तुरंत मीरा को जोर की आवाज lgai.....

मीरा जो की अभी तक रसोई में श्याम के लिए खाना ही गरम कर रही थी उसने जब श्याम की आवाज सुनी और आवाज में गुसा महसूस किया तो उसके हाथ kamp गए और उसके हाथ से खाने की थाली गिर gayi.....

मीरा सब कुछ वैसा ही छोड कर तूरंत बहार की और भाग गई तकी जल्दी से जल्दी शाम के पास वंश के कमरे में pahunch जाए....

जब मीरा वंश के पास गई तो उस ne देखा हॉल में होने की वजह से माधुरी जी पहले ही वाह पर मौजुद थी...

माधुरी जी (श्याम बेटा क्या हुआ आप इतनी जोर से क्यों चिल्लाये सब खैरियत तो है ना...?)

श्याम के मन में ईस वक्त मीरा के लिए गुसा तो बहुत भरा हुआ था लेकिन माधुरी जी ने मौके पर आ कर मीरा को बचा लिया था.....

माधुरी जी के सवाल पर श्याम ने खुद को थोड़ा sayam किया और अपने गुसे की ghunt भरता हुआ बोला (ये dekho मा वंश को सिरफ एक कम्बल उठाकर sulaya गया है आपको तो पता है ना थड का मौसम शुरू हो चुका है और बच्चों को ऐसा नहीं छोडना चाहिए)

श्याम को वंश की इतनी फ़िकर करते हुए देख कर माधुरी जी बोली (ha बेटा thand का मौसम शूरु हो चुका है लेकिन आपको भी यह देखना चाहिए की वंश अभी छोटा है और उसे जो कम्बल odaya गया है वह खास बच्चों के लिए बना है जो उनकी तवचा के लिए नरम और गरम है....)

और beta 1 साल से पहले bacche को ज्यादातर बिना कपडो के ही सुलाना चाहिए इससे उनके शारीरिक अंग में वृद्धि होती रहती है.....

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