32 नए मेहमान

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पिछले पार्ट में पढ़ा था अर्पिता की हर wish अर्पित पूरा करता है।बुआ जी के जाने के बाद वो दोनों सुकून से सिमला घूमने जाते हैं।वहां से आने के बाद अर्पिता अच्छे से पढ़ाई करती है और एक नौकरी करती है।ये सब हो पाता है अर्पित के support से।अर्पित और अर्पिता कुछ दिनों केलिए घूमने आते हैं अपने घर Mumbai।वहां उन दोनों को परिवार की तरफ से surprise मिलता है ।सभी ने मिल कर उनके anniversary केलिए एक बड़ा प्लान  बनाया था।अब आगे:-
             अर्पित और अर्पिता खुशी से  दिन बीता रहे थे।देखते देखते कुछ दिनों बाद अनन्या  कि सादी भी अच्छे से हो गई।अब तक अर्पित और अर्पिता के सादी को 4 साल हो गए लेकिन कहते हैं ना जितना भी खूब रही दुःख तो रहता ही है उसी तरह अर्पित और अर्पिता की कोक अब तक खाली था।सादी के चार साल बीत गए थे अब जब अर्पिता कि गोद खाली था उसकी सास भी उस से अच्छे से बात नहीं कर रही थी।धीरे धीरे सबसे ताने सुनने लगी अर्पिता।भले ही अर्पित उसको कुछ नहीं कहता था इस बात केलिए ,लेकिन अर्पिता को बहुत बुरा लगता था जब ।जब भी वो कुछ दिनों केलिए मुंबई आती थी तब उसे सबसे ताना सुन ना पड़ता था। एक दिन अर्पिता ने फैसला लिया कि अर्पित की दूसरी सादी करवाएगी।ये सब सुन ने के बाद सुलोचना जी ने कुछ नहीं कहा उसे ।लेकिन अर्पित गुस्सा हो गया।जब भी अर्पिता उसे दूसरी सादी कि बात कर रही थी अर्पित गुस्सा हो जाता था।अर्पिता उस समय बहुत रोती थी।धीरे धीरे अर्पिता अर्पित से दूर होने लगी।अर्पित को अर्पिता की ये बर्ताव बहुत बुरा लगता था।उन दोनों में दूरियां बढ़ती गई।एक छत के नीचे रह कर भी दोनों अच्छे से बात नहीं करते थे। कुछ दिन ऐसे अर्पिता को depression में देख के अर्पित को अच्छा नहीं लगता था।अब अर्पित अपनी तरफ से अर्पिता को खूब करने लगा।आखरी में  अर्पित और अर्पिता ने फैसला लिया की वो दोनो अनाथ आश्रम से बच्चा गोद लेंगे लेकिन इस बात को परिवार ने समर्थन नहीं किया।कितने दिनों बाद अर्पिता की चेहरे पर जो खुशी थी अब फिर से गायब हो ने लगी।वो बेचारी बस एक बेजान इनसान कि तरह  घर से ऑफिस और ऑफिस से घर होती थी लेकिन चेहरे पर खुशी नहीं थी।एक दिन अचानक से सुबह सुबह अर्पिता उल्टी करने लगी।अर्पित को लगा कि ये नॉर्मल है।ऐसे ही दो तीन दिन लगातार अर्पिता उल्टी कर ने लगी और weak हो ने लगी। अर्पित ने सोचा कि अब मेडिकल टेस्ट किया जाएगा।जब टेस्ट किया तो पता चला कि अर्पिता प्रेगनेंट है।कितने दिनों बाद उनको खुशियां मिली।सब को ये खुश खबरी दे दी उन दोनों ने।सभी खुश हो गए।डॉक्टर ने अर्पिता को bedrest करने को कहा।अब से अर्पित भी अर्पिता की पूरी तरह खयाल रख रहा था।उसे घर की कोई काम करने नहीं से रहा था।डॉक्टर ने अर्पिता को traveling केलिए मना किया था इसी लिए अर्पिता। डीलीवरी केलिए मुंबई नहीं आ पाई। डिलीवरी के टाइम पे उसके पास कोई नहीं था सिवाए अर्पित के।बड़ी मुश्किल से उन दोनों ने इस situation को संभाला। लेकिन अच्छे से डिलीवरी हो गई ।अर्पित ने एक लड़के को जनम दिया।
कुछ दिन बाद सब आए उसे देखने। बच्चे की नाम करण भी Banglore में हुआ।अर्पित और अर्पिता के बेटे का नाम "अर्पन" रखा गया। बहुत खुशियों से खिल गई उनकी ज़िन्दगी।कुछ दिन के बाद अनन्या को भी एक बेटा हुआ ।उसका नाम "आदित्य" रखा गया। कुछ दिन बाद आराध्या की सादी भी हो गई और वो भी खुश थी। किसी के ज़िन्दगी में कोई परेशानी नहीं थी सब अपने अपने ज़िन्दगी में खुश थे।बस प्रॉब्लम ये हो रहा था कि अर्पिता जब भी office जाती थी अर्पन को baby care में छोड़ के जाती थी। लेकिन धीरे धीरे जब अर्पन बड़ा हुआ और कोई परेशानी नहीं रही।अर्पन अपने पढ़ाई में भी अच्छा कर रहा था।वो भी बड़ा हो गया और अपने पापा की तरह engineer बना।उस तरफ आदित्य भी एक अच्छा नौकरी कर रहा था।आराध्या की एक बेटी हुई थी।उसका नाम "अपर्णा" रखा गया था।वो भी बड़ी हो गई थी।अब सब अपने ज़िन्दगी में खुश थे।
   अब आगे क्या होगा जान ने केलिए पढ़ ते रहिए "अर्पित की अर्पिता"।

Arpit Ki ArpitaWhere stories live. Discover now