4 इजहार करने का इंतजार

4 0 0
                                    

पिछले chapter में पढ़ा कि अर्पिता को saroj नाम के एक लड़के से प्यार हो गया है पर वो उसको बता नहीं पारही है ,सही समय का इंतजार कर रही है।अब देखते हैं कि क्या सच में वो बता पाएगी अपनी दिल कि बात?
             सही समय का इंतज़ार करते करते अब 2 साल बीत गया है। इन दो सालों में वो तो अपने सपनों के राजकुमार अर्पित के बारे में मानो जैसे भूल ही गई है।इं सालो 2 सालों में उसने बस सरोज को देखते देखते ही बिताया है बाकी अपनी दिल की बात बता नहीं पाई।अब 2 साल बीत गए हैं अब ग्रेजुएशन भी खतम होने वाला है 1 साल में अब अर्पिता ने सोचा कि अब अगर नहीं बताएगी सरोज को तो कभी भी बता नहीं पाएगी ,इसलिए उसने फैसला कर लिया की वो अब बता देगी ।उस रात उसे नींद ही नहीं आती ये बात सोच सोच कर कि वो कैसे saroj को बताएगी ?उसने सोचा वेलेंटाइन डे पर बता देगी लेकिन 14 फरवरी को तो अभी भी 1 महीना बाकी है ,वो तो बस 14 फरवरी का बेचैनी से इंतजार कर रही थी। कहीं ना कहीं अर्पिता को ये लगता था कि सरोज भी उस से प्यार करने लगा है । इन दिनों जब भी saroj उसे बात बात करता था वो बस सर्मा ही जाती थी अब वो पहले कि तरह नॉर्मल होके बात नहीं कर रही थी जब भी सरोज बात करना चाहता था उस से वो बस सार्मा ही जाती थी ,सरोज को बड़ा अजीब लगता था वो सोच रहा था कि अर्पिता कैसे बदल गई ,जो लड़की चुल बुली सी थी बक बक करके उसका दिमाग खाती थी वो लड़की आज कल इतना खोई खोई सी क्यों रहती है ,saroj को तो जरा भी पता नहीं था कि अर्पिता क्या सोचती है उसको लेकर।सरोज ने अर्पिता की हमेशा मदत की थी ,जब भी अर्पिता को उसकी जरूरत होती थी saroj हमेशा उसके साथ खड़ा होता था ,तभी तो अर्पिता का दिल उसपे पिघल गया ,और वह हर जगा अब अपने सपनों के राज कुमार अर्पित को नहीं वल्कि सरोज को धुंड रही थी। एइसे ही देखते देखते 14 फरवरी करीब आने लगा वो तो सोच भी नहीं पा रही थी कि कैसे बताए सरोज को?अब पता नहीं क्यों उसे ऐसा लगने लगा कि क्या सरोज उसे पसंद करेगा ?क्योंकि वो इतनी सुन्दर भी नहीं थी ना ही वो पढ़ाई में सरोज जैसी अच्छी थी ,और ना ही वह ज्यादा चालक बाकी लड़कियों कि तरह ,और फिर सोचने लगी की क्या सरोज भी उस से प्यार करता है ?ऐसे ही खुद से बातें करते करते वो रात को सो गई।उसने रात को ऐसा सपना देखा कि saroj आकर उसे एक गुलाब दे रहा है और "I love you"बोल रहा है तभी अचानक से उसकी नींद खुली तब उसने देखा कि उसकी दोस्त रंजना उसके पास बैठी है और सुबह के ठीक 8 बजे हैं ।रंजना ने अर्पिता को पूछा तूने ऐसा कौनसा सपना देखा कि नींद में भी मुस्कुरा रही थी तुम ।अर्पिता ने सरमा ते हुए कहा कि सरोज को देखा सपने में।आगे कुछ कहे पाती उसकी मा ने अबाज दी ,"क्या कर रहे हो तुम दोनों ?जल्दी चलो college नहीं जाना है क्या?"तब अर्पिता जल्दी से नहाने चालिगई और रंजना उस का इंतजार कर रही थी बाहर।अर्पिता जल्दी से ready हो गई तब वो दोनो निकले college केलिए।
College में पहुंच ते थोड़ी देर हो गई तभी saroj ने आ कर arpita को कहा," कहां रेहेगाई थी यार तुम? कभी समय का पता चलता है तुम्हे ?हमेशा देरी से उठ ती हो,college देर से ही पहुंचती हो,हमेशा ला परवाई नहीं चलेगी।"आज से पहले ऐसी कड़वी बातें कभी नहीं कहीं थी सरोज ने।आज अर्पिता को बोहूट बुरा लगा ,वो पूरे class में मुंह फुलाकर बैठी ,saroj से कोई बात नहीं की।घर जाते वक़्त सरोज ने अर्पिता को मानना चाह पर अर्पिता नहीं मानी तभी गुस्से से सरोज बोला"क्या समझ ती हो मुझे और अपने आप को तुम?पता नहीं कैसी अजीब सी behave करने लगी हो आजकल।तुम्हारा ये बर्ताव मुझे पसंद नहीं ।"इतना कह कर वो तो चला गया लेकिन अर्पिता को दर्द दे गया ।अर्पिता घर आकर बोहुत रोई ।घर में मुंह फूला कर बैठी ,किसिके सवाल का कोई जवाब नहीं दिया और किसके कोई सवाल का जवाब ना दे कर सो गई। सुबह उठी और उसने सोचा सयाद गलती मेरी ही थी मेने ही सरोज से ऐसी बर्ताव की because उसे जाता पाऊ की उसे में कितना चती हूं ।लेकिन ऐसा नहीं होगा उसे बिना बताए वो नहीं जान पाएगा।ऐसा ही सोच कर वो college केलिए निकली। अचानक से उसे याद आया कि आज तो 13 फरवरी है और में कल सरोज को प्रपोज करूंगी लेकिन अब तक वो मुझ से नाराज़ है ।आज ही उसे मना दूंगी।

अब अगले chapter में देखेंगे कि कैसे अर्पिता saroj को मना पति है या नहीं और अपने दिल कि बात बता पति है या नहीं।

Arpit Ki ArpitaWhere stories live. Discover now