18 अर्पिता को प्यार हो गया अर्पित से🥰

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पिछले part में देखा था कि अर्पित Banglore चला जाता है।वहां से अर्पिता को फोन कर ता है, वो दोनो आधा घंटा बात करते हैं।उसके बाद दोनों फोन रख देते हैं।अर्पित से बात करने के बाद अर्पिता को वो और भी अपना सा लगने लगा।लेकिन क्या यही feelings अर्पित को भी होती होगी ? अब देखते हैं आगे:-
     अर्पित को अर्पिता से बात करते हुए बहुत अच्छा लगा और अर्पिता को भी। अर्पिता तो अर्पित को और भी अपनी सी लगने लगी लेकिन अचानक से वो सोचता है कि अर्पिता उसके लायक नहीं।उस तरफ अर्पिता को भी अर्पित और भी अपना सा लग ने लगा।उसे आज एक अजीब सा एहसास हुआ, खुशी सा एहसाह हुआ।वो सोच रही है कि क्या यही एहसास अर्पित को भी होता होगा?अचानक उसे याद आया कि अर्पित की मा ने कहा था कि अर्पित उसे पसंद तो करते हैं लेकिन एक दोस्त कि तरह ...उन्हें नहीं लगता कि अर्पिता उनके लिए सही है । अब अर्पिता सोचती है कि वो अर्पित के और करीब नहीं आएगी और ना ही अपनी दिल को और दर्द देगी क्यों की
जब सपना पूरा होना ही नहीं तो उसे पहले से ही तोड़ देना चाहिए।अब अर्पिता भी ये सब सोचकर थोड़ी दू:खी हो कर सो गई।
    कहते हैं ना हम जिस से जितना दूर भगाना चाहेंगे वो हमारे उतना ही करीब आएगा। ऐसा ही हुआ अर्पिता के साथ।एक दिन अर्पिता सुबह सुबह उठ कर जब फोन देख ती है उसे अपनी आंखो पर भरोसा नहीं होता।वो देखती है कि अर्पित ने खुद उसे facebook में friend request send किया है।जिस अर्पित ने एक दिन उसके friend request को ignore किया था क्यों कि तब वो अनजान थी ,आज उसी अर्पित खुद request send किया है।अर्पिता request accept करती है और जब अर्पित कि profiile खोल के उसके सारे photos देखती है , कहीं भी अर्पित उसे कोई hero से कम नहीं लग रहा था।अर्पिता तो मन ही मन मुस्कुरा ने लगी। किसी अनजान से अर्पित यू ही बात नहीं करता बस time pass केलिए।ये बात अर्पिता को बहुत अच्छा लगा और अर्पिता भी कभी ऐसा time pass कर देती है लेकिन अर्पित को ये सब पसंद नहीं। वो तो मानो कुछ ज्यादा ही  उसके बारे में सोचने लगी।अब जब वो कुछ दिन बीता चुकी है अर्पित के साथ वो सोच रही थी कि कोंसी कोंसि चीज उन दोनों में different है और कोनसी same है। पहला था कि अर्पित अपनी जो कह ता है वही करता है और अर्पिता,वो तो जो कहती है खुद ही भूल जाती है 😂।
दूसरा अर्पित को healthy food पसंद है ,जब को अर्पिता को spicy चटपटा पसंद है। अर्पिता को सारे चीजे रंगीन पसंद है लेकिन अर्पित को सिफ्र black and white जो कि अर्पिता को बिल्कुल पसंद नहीं,फिर भी उस इस बात से फर्क नहीं पड़ता। अर्पिता को हमेशा बक बक करते रहना पसंद है लेकिन अर्पित को चुप चाप रहना पसंद है। अर्पिता को सपनों में जीने से मजा आता है लेकिन अर्पित को हकिहक में ही अच्छा लगता है।इं दोनों के बीच कितनी सरी defferences हैं पर आज अर्पिता को इन सब से कोई फर्क नही पड़ता।पता नहीं क्यों आज उसे ये सारी चीज़े अच्छी लगने लगी हैं।  अर्पित जहां भी जाए पूरा tip-top होके ही जाता है,लेकिन अर्पिता कहने को तो लड़की है पर जहां भी जाए simple ही होके जाती थी। वो सोचती है कि उन दोनों में same क्या है? पहला उन दोनों को ही nature  बहुत पसंद हैं,मतलब वो दोनो ऐसी जगह घूमना चाहते हैं जहां नदी हो,पहाड़ ही ,झरना हो।दूसरी उन दोनों को ही खाना बनाना अच्छा लगता है ,दोनों की कुछ कुछ interest भी same है , जैसे की गाना सुन ना और गा ना ,drawing कर ना और सबसे बड़ी बात कि ये दोनों जिसको भी अपना मान लेते हैं उसकी पूरी खयाल रखते हैं। और सबसे बड़ी बात ये है कि उन दोनों कि नाम कि meaning same है बस gender अलग है 😜😂। अर्पिता सोचती है कि एक दिन यही नाम को लेकर और यही सरिर के रंग को लेकर मेने अपनी imagination में एक अर्पित को बनाया था लेकिन  जो अर्पित मिला है अब उसमें name doesn't matter ,अब उसका नाम नहीं  ना ही उसके शरीर का रंग बल्कि वो इनसान धीरे धीरे मेरे लिए important बनता जा रहा हैं ,अब वो अपना नाम बदल दे,सरीर का रंग बदल दे ,चेहरा बदल दे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।अब वो फिर से सोचती है,"क्या सच में मुझे प्यार हो गया है अर्पित से?"वो बस ऐसा सोच कर मुस्कुरा देती है।अब उन दोनों के बीच बात चित हमेशा लगी रहती है कि किसने क्या क्या खाया आज?क्या पहना? दिन कैसे गया? ऐसे ही।

            एक दिन अचानक से  रंजीता का फोन अता है और वो कहती है,"क्या madam अर्पित मिल गया तो हमको भूल गई?"अर्पिता कहती है," अरे! नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं।"और उसे पूरा मामला बता ती है।रंजीता उसे कहती है,"देख तेरी बातों से लग रहा को तुझे अर्पित से प्यार हो गया है,अच्छा बोल तू wait कर सकती है कि वो कब राज़ी होगा।" अर्पिता फिर से बोलती है,"अरे बाबा हां ,अभी तक तो उनकी राज़ी होने का इंतज़ार है।" रंजीता  फिर से पूछती है,"तू सरोज केलिए wait कर रही थी क्या तब जब तुझे उस से प्यार था, नहीं ना ,तू तो सही समय का इंतज़ार कर रही थी कि जब सही टाइम आएगा तू उसे बताएगी ,लेकिन सोच अगर सरोज आ जाता तो अर्पित कि अर्पिता किसी और कि बन जाती तो अर्पित का क्या होता?मना कि तुझे सरोज से प्यार था पर सायाद सच नहीं था,लेकिन अब में sure हूं कि तेरा प्यार सच्चा होगा तेरे imagination वाले अर्पित केलिए भी और हकीकत की अर्पित केलिए भी।"अब अर्पिता कहती है,"ये सरोज  कहा से आ गया,खेर छोड़ , सायाद तू सही कहा रही है ,लेकिन फिर भी दर है कि कहीं इस बार भी अर्पित को कोई और ना के जाए मुझ से।"रंजीता कह ती है कि अगर अर्पिता का प्यार अर्पित केलिए सच है तू पूरी कायनात लग जाएगी उन दोनों को मिलने।
   अब देखते हैं आगे क्या होगा अगले part में।

     
    

Arpit Ki ArpitaWhere stories live. Discover now