17 दिल ने सुन लिया दिल की दास्तां

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   पिछले part में देखा अर्पित को पता चलता है कि उसकी मा अर्पिता की बजह से उस से बात कर रही हैं।अर्पित sorry बोलना चाहता है अर्पिता से पर बोल नहीं पाता और अर्पिता का accident हो जाता है।अर्पित को याद आता है कि उसके Banglore जाने का time आ गया है और अर्पिता को फोन कर के sorry कहता है और  कहता है कि उसकी छुट्टियां खत्म हो चुकी हैं अब वो वापस Banglore चला जाएगा।अर्पिता उसे कहती है कि आते वक़्त एक लड़की पसंद कर के आए जाए वर्ना उसे  अपनी मा के कहने अर्पिता से सादी करनी पड़ेगी।अब देखते हैं आगे:-
      अर्पित का Banglore जाने का दिन आ गया ।वो उस दिन जल्दी से उठा और जाने केलिए तेयार हो रहा था।उसने अर्पिता को call किया और कहा,"Hello! अर्पिता आज में जा रहा हूं ।"
अर्पिता फिर से अर्पित कि जाने की बात सुन कर चीड़ गई वो जो नहीं चाहती थी कि अर्पित अभी उसके आंखो से दूर जाए ।
अर्पिता :-"अरे! मुझे पता है कि आप जा रहे हो , इसमें द्घिंडोरा पीटने की क्या ज़रूरत है?कल रात ही दो बार बोल चुके हैं आप।"
actually अर्पित ने अर्पिता से उसकी हालत पूछने के लिए फोन किया था,लेकिन कैसे बताए ये समझ नहीं पा रहा था।
अर्पित :-"अरे !नहीं में तो बस बोल रहा था,सोचा कि तुम्हे सायाद याद नहीं होगा।"
अर्पिता:-"में याद रख के क्या करूं ?"
अर्पित तो खुद नहीं समझ पा रहा था कि वो क्या बोल रहा है।उसने अब असली बात कह दी।
अर्पित :- " अर्पिता ! actually में पूछ ना चाहता था कि तुम  अभी कैसी हो?"
अर्पिता:- "है भगवान!इतनी सी बात पूछने के लिए आप कितनी बार सोच ते हो यार ।अच्छा ठीक है ,में ठीक हूं,अच्छा आपकी flight कब है।"
अर्पित :- 2 बजे ,पर मुझे जाना होगा 12 बजे।
अर्पिता :- हां ठीक है ।अच्छा फिर से कब आएंगे।
अर्पित:- देखते हैं,जब छुट्टी मिलेगी।
अर्पिता :- चलो अब फोन रख ती हूं ,मुझे फ्रेश होना भी है।
             आज तो आपने जल्दी है मेरी नींद खुल दी ।
अर्पित :- हां हां जल्दी  उठना सीख जाओ इतनी बड़ी हो चुकी हो अब तो आदत बदल दो।
अर्पिता:- हा हा हा। ठीक है अभी फोन रख ती हूं।फ्रेश होने जा रही हूं bye।
अर्पित भी bye कह के फोन रख देता है। अर्पित बस यूं ही सोच ता है कि कास वो जाने से पहले एक बार अर्पिता को देख पाता।एक दोस्त के हिसाब से ही सही लेकिन एक बार आके अर्पिता उस से मिल लेती।पता नहीं क्यों आज अर्पित को अर्पिता से मिल ने का बहुत मन कर रहा है।पर   कैसे मिलेगा वो? अभी 1-2 घंटे में वो चला जाएगा। उसके बाद फिर से जब लौटेगा तभी देख पाएगा।
     अब 12 बज चुके थे ,अर्पित airport केलिए निकल ता है। उस वक़्त घर में सब थे लेकिन अनन्या नहीं थी।अर्पित इस बात से गुस्सा हुआ कि आज वो जा रहा है पर उसकी बहन उसके साथ नहीं,पता नहीं कहां चली गई।अनन्या की इस हरकत से उसकी मा और बाबा भी परेशान थे। देरी हो रही थी इसलिए अर्पित चला गया।पर उस का मन अच्छा नहीं था पहले तो वो अर्पिता को देख नहीं पाया अब अनन्या भी नहीं रही उसके आंखो के साम ने ।अनन्या  के ऊपर नाराज़ हो कर अर्पित airport से चला गया। अर्पित airport पहुंच कर जो देखता है ,उसकी आंखो पर भरोसा नहीं हुआ। वहां अर्पिता खड़ी थी। अर्पित जब उसे देख ता है उसकी आंखो पर उसको भरोसा नहीं होता,उसका मन जो चाहता था वही हुआ। अर्पिता को देख के खुश तो हुआ लेकिन उसका मन दुःख था कि अनन्या उसके पास नहीं थी।अर्पित अर्पिता से पूछ ता है कि वो वहां कैसे आई।तभी पीछे से अनन्या की हसने की आवाज़ आती है।अर्पित पीछे घूम कर देखता है कि अनन्या खड़ी है।अर्पित उस पर नाराज़ होता है लेकिन अनन्या उसे मना लेती है।उन दोनों को अर्पित पूछ ता है कि अगर उन दोनों को उस से मिल ना ही था तो घर में मिल लेते यहां ऐसे surpraise देने की क्या ज़रूरत थी।
तभी अनन्या कहती है,"अगर घर में ही मिल लेते तो आप को गुस्सा दिलाने में क्या मजा आता।"और अर्पिता और अनन्या दोनों हस ते हैं।अर्पिता को पहली बार ऐसे हस ते हुए देख कर अर्पित को बहुत अच्छा लग था है। अर्पित अब अर्पिता से पूछ ता है कि वो यहां कैसे?अनन्या बता ती है कि वो अकेले अपने भाई को सरप्राइज देना नहीं चाहती थी इसलिए अर्पिता को बुला लिया।
अब जब जाने का time हो चुका था तो अर्पित उन दोनों को bye कहा और अनजाने में ही अर्पिता और अनन्या दोनों को hug कर दिया 🤗। अर्पिता को थोड़ा सर्म आया  लेकिन अर्पित को तो खयाल ही नहीं था कि उसने एक हाथ में अनन्या को पकड़ा है और दूसरी में अर्पिता को।अब अर्पिता थोड़ी दूर चली आती है,तभी अर्पित को पता चलता है कि उसने अनन्या के साथ साथ अर्पिता को भी पकड़ा था😜। अर्पित थोड़ी सर्मा जय है पर कुछ नहीं कहता और चला जाता है और अर्पिता उसके जाने के रास्ते को देखती ही रह जाती है।अब उसके मन में उस hug के बाद अर्पित केलिए और भी बड़ी जगह पैदा होने लगती है,अर्पित उसे और भी अपना सा लगता है। उस तरफ अर्पित को भी ऐसा feel होता है,लेकिन वो भी इस feeling को अनदेखा कर ता मेने। अनन्या और अर्पिता दोनों ही घर लौट जाते हैं। अर्पिता घर पहुंच कर दिन भर उस hug के बारे में सोचती रही।आज पहली बार उसने अर्पित कि खूसबू महसूस की है,उसे ऐसा लग रहा है कि अर्पित कि खुसबू इसके जिस्म में ही नहीं उसके रूह में भी बस गई है।पूरा दिन बीतने के बाद वो डायरी में दिन भर की बात लिखती है ,और अर्पित को फोन कर ने को सोचती है लेकिन उसे सर्म आ रहा था कि कैसे बात करेगी वो उस hug के बाद।वो फोन रख देती है।तभी अचानक से उसका phone बज उठ ता है और वो देखती है अर्पित का फोन है। आए हाए साजन जी का फोन , मन तो आसमान में उड़ेगा ही ।अर्पिता phone उठा कर "hello" कह ती है।अर्पित भी hello कहता है। अब अर्पिता पूछ ती है ," आप कब पहुंचे?"
अर्पित :-" 4;30 बजे पहुंचा ।"
अर्पिता:- खाना खाया?
अर्पित :- हां,और तुम ने?
अर्पिता :- हां ,अभी अभी dinner खतम कर के आई हूं।
ऐसे ही वो दोनो बाते कर ते रहे ।बाते करते करते उन्हें पता ही नहीं चला कि कब अधा घंटा बीत गया है।अब जब उन दोनों को पता चला की आधा घंटा बीत गया है,अर्पित अपनी तरफ से bye कह के फोन रख देता है। अर्पिता तो आज आसमान में उड़ रही थी।उसे तो एहेसस हो रहा था कि उसके दिल में कुछ कुछ हो रहा है,लेकिन क्या ये सब अर्पित को भी feel हो रहा है।
अब देखते हैं आगे की कहानी क्या मोड़ लेती है।क्या सचने अर्पित को भी कुछ महसूस होता होगा?

       

Arpit Ki ArpitaWhere stories live. Discover now