poetry *

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मुझे इतना है पता के दुनिया में कुछ और भी काम है,
छोड़ दो मेरी हाल पर दुनिया में कुछ और भी नाम है!

यह सच है मगर के मोहब्बत पे चलती हैं यह दुनिया,
हाँ मगर सच है कि मोहब्बत पे जलती है यह दुनिया!

चला जाता हूँ जहाँ जहाँ भी मैं आप वहाँ पर रहतें हैं,
रहें या ना रहें आप भी वहाँ मगर किनारों पर रहतें हैं!

सच तो यह भी है दिल से मिटाना मुश्किल है बहोत,
हाँ मगर तुझको जमाने की नज़र से छुपाना है बहोत!

जब भी यह कदम उठाया है मुस्कुराया किया है तुने,
जब भी रूठा है दिल बच्चों सा इंतज़ार किया है तुने!

हमने देखा अक़्सर दीवानों को झ़ील पर आतें आतें,
कभी हँसाया हैं मुझे तो कभी रुलाया है जातें जातें!

नाम दुनिया में रहता है मगर यह किसे मंजूर होता है,
जिनके हाथों में रहती है सियाही वही ख़ंजर होता है!

झ़ील

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