माँ

150 5 2
                                    


उसकी रसोई का चूल्हा ठंढा नहीं होता
माँ के होते कोई बच्चा भूखा नहीं रोता
वो काम में मसरूफ रहती है इस कदर
बच्चों ने माँ को कभी देखा नहीं सोता

उसके पुचकारने से मर्ज ठीक हो जाते हैं
कौन कहता है ज़मीं पर देवता नहीं होता

बदनसीब वो नहीं हैं कि जिनकी माँ नहीं है
मगर है वो जो अपनी माँ के पाँव नहीं धोता

शायरी ,कविता, प्यार और कुछ जिंदगी Tempat cerita menjadi hidup. Temukan sekarang