आदत

915 34 3
                                    

साथ निभाना देर तक,ये तेरी आदत में न था
याद रखना मेरी याद को, ये तेरी आदत में न था
तेरी इन सब आदतों पर कब है हमारा इख़्तियार
पर प्यार करके भूलजाना ये मेरी आदत में न था

अनुज

शायरी ,कविता, प्यार और कुछ जिंदगी Where stories live. Discover now