साथ निभाना देर तक,ये तेरी आदत में न था
याद रखना मेरी याद को, ये तेरी आदत में न था
तेरी इन सब आदतों पर कब है हमारा इख़्तियार
पर प्यार करके भूलजाना ये मेरी आदत में न थाअनुज
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शायरी ,कविता, प्यार और कुछ जिंदगी
Poetryकुछ कविताएँ कुछ शायरी ,कुछ जिंदगी की बातें ,जिनको पढकर आप अच्छा महसूस करेंगे
आदत
साथ निभाना देर तक,ये तेरी आदत में न था
याद रखना मेरी याद को, ये तेरी आदत में न था
तेरी इन सब आदतों पर कब है हमारा इख़्तियार
पर प्यार करके भूलजाना ये मेरी आदत में न थाअनुज