दुआ

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न तो मैं दरवाजे पर कोई मिर्ची नींबू टांगता हूँ
न ही मैं बाजू में कोई गंड़ा तावीज बांधता हूँ
कुछ तो है मुझे अपने भगवान पर विश्वास  
कुछ मैं माँ की दुआओं का असर जानता हूँ

अनुज

शायरी ,कविता, प्यार और कुछ जिंदगी Where stories live. Discover now