उधार

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संडे को अचानक मेरा काम अड़ गया
चाहता न था फिर भी एक पेंच पड़ गया

10 हजार रूपये की हमें दरकार हो गयी
बैंक थे बंद, हम पर भारी मार हो गयी

बीवी से हमने पैसे की फरियाद कर दी
बड़ी भारी गलती मैने मेरे यार कर दी

वो रूपये एक अजीब सा हिसाब हो गये
मेरी जिंदगी का अब वो अजाब हो गये

जाने कहाँ से सीखा है उसने गुणा भाग
जाने कौन से स्कूल में पढ़ी है वो जनाब

20 हजार लौटा चुका हूँ उसके आदाब में
15 लेकिन अभी बाकी है मेरे हिसाब में

तो भाईयों मेरी वाली गलती आप मत दोहराना
बीवी से लिया पैसा पड़ेगा जिंदगी भर चुकाना

अनुज

शायरी ,कविता, प्यार और कुछ जिंदगी Where stories live. Discover now