जुदाई

115 1 0
                                    


किसलिए आये थे, किसलिए जाते हो
प्यार में क्यों  हमारा तमाशा बनाते हो

अनुज

शायरी ,कविता, प्यार और कुछ जिंदगी Where stories live. Discover now