प्यास

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इतनी तो हकीकत से हम भी वाकिफ हैं

ना प्यार है तुझे

ना लिहाज़ कोई मेरे लिए

बस एक प्यास है जिसे बुझाने को तू तड़पता है

पर इस दिल से क्या कहूँ

जो मेरी ना सुनता है

जान हकीकत को तेरी

फिर भी जाने क्यूँ तुझे चाहता है ।

पलछिन -2 (Winner Of #Wattys2016)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें