इज़हार-ए-मोहब्बत

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इज़हार-ए-मोहब्बत के तो फ़साने कई

कोई फूलों से करता है

तो कोई अल्फ़ाज़ों से

पर बड़ा कमज़र्फ है

ये ज़ालिम दिल भी

अच्छे-अच्छों को घुटनों पे ले आता है !

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