राज्य मंत्री अग्रसेन, अंगरक्षक मणिभद्र तथा सेनापति धरम सिंह तीनों ही वीर सिंह को प्रणाम करते हैं और उन्हें कुछ बताने वाले होते हैं पर वीर सिंह की आज्ञा लेने के लिए खड़े होते हैं कि तभी उनकी नजर वीरांगना पर जाती है पर इतना साहस उनमें नहीं होता कि वे या उनमें से कोई भी वीर सिंह से पूछ सके। वीरांगना की दशा रोने के कारण और अत्यंत भयभीत होने के कारण बिगड़ गई थी। तीनों के हृदय कांप जाते है उस बच्ची की हालत देखकर, तीनों को उस पर दया आ रही होती हैं, पर वो उसकी सहायता नहीं कर सकते थे। उसकी ऐसी दशा देखकर किसी को भी दया आ जाती पर वीर सिंह का हृदय टश से मश नहीं हुआ। वो तीनों को एक साथ खड़े देखकर सब कुछ समझ जाता है और उनसे कहता है कि वह उनसे कुछ ही समय पश्चात भेंट करेगा और कुछ ही समय पश्चात दरबार में गुप्त सभा बीठाई जाएगी जिसकी सूचना उच्च पदाधिकारियों को दे दी जाएगी।
राजा की आज्ञा से तीनों वहां से प्रस्थान करते हैं। वीर सिंह अश्व से उत्तरता और शीघ्रता से वीरांगना को भी उतारता है, साथ ही साथ सैनिकों से अश्व को अस्तबल में रखने का आदेश देता है। वह अपने अश्व की पीठ पर हाथ से सहलाता है और फिर ले जाने का संकेत देता है। दूसरी ओर वीरांगना का हाथ पकड़कर ले जाने लगता है। वीरांगना ठीक से चल नहीं पा रही थी। उसके पैर लड़खड़ाने लगते हैं, कांप भी रहे होते हैं और अचानक रुक जाते हैं। वीर सिंह पीछे मुड़कर देखता है कि वीरांगना को चक्कर आने लगते है और वह गिरने लगती हैं पर वीर सिंह उसे संभाल लेता है।
वीरांगना बहुत थक चुकी थी इसी कारण वह चलने में असमर्थ रहती है अतः थकान के कारण उसे चक्कर आता है और अंततः वह बेहोश हो जाती हैं। अतः वीर सिंह उसे उठाकर अपने कक्ष की ओर शीघ्रता से ले जाता है। अपने कक्ष में पहुंचकर वह वीरांगना को अपने बिस्तर पर आराम से सुला देता है और दासियों से केहकर राज वैध पन्ना दाई को शीघ्रता से बुलाने का आदेश देता है। कुछ ही समय पश्चात पन्ना दाई आती है और सभी को कक्ष से बाहर जाने को कहती हैं। सभी दसियां कक्ष से बाहर चली जाती है। वीर सिंह का मन शांत नहीं था। कभी वीरांगना को देखता तो कभी दाई मां को। ईधर से उधर व्याकुल होकर घूम रहा होता है। दाई मां वीरांगना की नब्ज टटोलती है तो कभी वीरांगना के माथे को स्पर्श करके ताप को परखती है। कुछ समय पश्चात वो कुछ जड़ी - बूटी को पीसकर उसे एक पात्र में रखकर वीर सिंह से कहती हैं -
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Veerangna -A Beautiful Love story
DragosteHi guys! this is my first story Which i am TRANSLATING IN HINDI. If many of you guys wanted to read Indian historical stories in hindi language just join me here. I am not gonna tell you summary of this story, You have to find it by reading it...