अधूरे से हम

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कुछ स्थानों से ना सिर्फ हम जुड़ते हैं, कभी-कभार उन स्थानों का भी हमसे जुड़ाव हो जाता है। ये स्थान हमारे रोलर-कोस्टार झूले समान जीवन की साक्षी  बन जाती है। हमारे अंदर के हर भाव  पढ़ लेती है। राइटरस कैफे भी कुछ ऐसा ही जुड़ चूका था आदया के साथ। और जुड़ाव हो भी क्यों ना ! पिछले चार सालों से आदया यँहा की सबसे रेगुलर कॉस्टमर्स में से एक है। चार साल पहले जब आदया यँहा आई थी तो उसके गेट को खोलते ही गेट में लगी घंटी ने अपनी प्यारी सी टुन-टुन वाली उत्साह पूर्ण धुन से उसका स्वागत किया था। घंटी की टुन-टुन ने उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट बिखेर दी थी। मेन रोड की तरफ वाली फ्रेंच विंडो से लगी टेबल पर जाकर वो बैठी थी और अपने लिए एक ग्रीन टी आर्डर किया था। जब तक ग्रीन टी आती तबतक उसने बुक सेल्फ से पढ़ने के लिए एक किताब भी चुन ली थी। गर्ल्स ऑन फायर ! तब से आज तक हर शाम  वो उसी टेबल पर आकर बैठती है। इत्तेफाक से वो टेबल भी हर शाम उस समय खली रहा करती है। फ्रेंच विंडो से ढलते सूरज को देखना, किताब और ग्रीन टी, आदया के शाम के नियमित कार्यक्रम थे। 

यूँ तो आजतक इस कैफे की दीवारों ने आदया को हमेशा भावहीन ही देखा था। पर आज की शाम इस शहर और आदया दोनों  मिज़ाज़ में बदलाव साफ  झलक रहा था। आदया की आँखों में गम के बदल स्पष्ट दिखाई दे रहे थे। बाहर हो रही मूसलाधार बारिश ने पुरे शहर को मनो रोक सा दिया था। आदया भी थम सी गई थी। उसकी आँखे  विंडो पर फिसलती बूंदों को एक तक देखे जा रही थी।  उसके आंसू उसके गालों से फिसलते हुए टेबल पर राखी किताब के पन्नो को गिला कर रहे थे। टेबल पर राखी ग्रीन टी आज उसके होठों के स्पर्श के लिए तरस कर कब की ठंढी पड़ चुकी थी। 

"इन बरसती बूंदों की तकदीर हमारे जीवन से कितनी मिलती है, सारी बुँदे एक ही जगह से अपने जीवन की शुरुवात करती हैं और कुछ छन के बाद धरती से टकरा कर आत्मदाह कर लेती है। पर इनमे से कुछ  भाग्यशाली होती है जो इन काँचो पर आकर गिरती और ठहर जाती है। ऐसा लगता है मनो इनको जीने की एक वजह मिल गई हो। ऐसा प्रतीत होता है मानो समय थम सा गया हो। पर बूंदो का तो मुक्क्दर ही धरती से मिलना है, उसे वो चाह कर भी नहीं बदल सकती। काँच पर धीमे-धीमे फिसलती इन बूंदो को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो पूरी जोरआजमाइश कर रही हो किसी तरह से इस अलगाव को रोक ले। ना छोड़े काँच की बाँहो को"  आदया काँच पर फिसलती बूंदो को देखते हुए खुद से ही बाते कर रही थी। 

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⏰ Last updated: Dec 10, 2022 ⏰

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