55 वां दिन - 2 अक्टूबर श्रीनगर

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55 वां दिन - 2 अक्टूबर श्रीनगर

गांधी जयंती के अवसर पर श्रीनगर में जम्मू कष्मीर पीस फाऊण्डेषन द्वारा सम्मेंलन आयोजित किया गया। जिसमें फारूख अब्दुला केन्द्रीय मंत्री मुख्य अतिथी रहे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जम्मु कष्मीर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री गुलाम मोहम्मद राजपुरी ने कहा कि हमे गांधी जी के कार्याे को याद करने की जरूरत है। गांधीजी की सच्चाई और सादगी तथा आवाम की खिदमत आज कहां दिखलाई पड़ती हैं? मंत्री एक दिन में होटल के कमरे पर 1 लाख रूपये खर्च करते है दुसरी और करोड़ो लोग 2 समय का भोजन भी नही जुटा पाते। गांधीजी ने अपने बेटे को सियासत में आने से रोका था। आज खानदानी राज कायम है। उन्होंने कहा कि मुझंे भरोसा है कि डॉ0 राममनोहर के विचार से प्रेरित यात्रा कष्मीर में अमन और खुषहाली का रास्ता खोलेगी। प्रदेष के सांस्कृतिक सचिव डॉ0 जफर मलहाज ने कहा कि गांधी जी पर सबसे ज्यादा जुर्म उनके ही लोगो ने किया। उन्होंने कहा कि मैंने विदेष में जाकर गांधी को ज्यादा बेहतर ढंग से समझा। गांधी जी की सियासत अमन की सियासत थी। दुनिया भारत को दो ही तरीके से पहचानती है। एक लोकतंत्र के लिए दूसरा गांधीजी। गांधी जी ने अंग्रेजो के खिलाफ लडने के बावजूद कभी उनके खिलाफ नफरत नही फैलाई। उन्होंने अपने मूल्यो से कभी समझौता नही किया। कभी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कोई कदम नही उठाए पाकिस्तान को 55 करोड़ देने के लिए अड गए। गोड़से ने उनकी हत्या कर दी लेकिन गांधी का विचार पूरी दुनिया में आज भी छाया हुआ है। गांधी जी ने कहा था मेरा जीवन ही मेरा सन्देष है। बाकी मैंने जो भी लिखा हैं उसे मेरे शरीर के साथ जला देना। प्रदेष के कृषि मंत्री श्री गुलाम हसन मीर ने कहा कि गांधी के दर्षन की सबसे ज्यादा जरूरत दुनियाभर में कष्मीर को है। उन्होंने कहा कि जब एक दूसरे के प्रति सम्मान नही होता तब हिंसा जन्म लेती है। उन्होंने कहा कि जम्मू कष्मीर पीस फाउण्डेषन को लगातार आगे बढते जाना चाहिए ताकि हम अमन के रास्ते पर आगे बढ़ सके। जम्मू कष्मीर पीस फाऊण्डेषन के अध्यक्ष श्री शेख रहमान ने कहा कि देष के शासक गांधी के रास्ते पर देष को नही चला रहे केवल उनके नाम का इस्तेमाल हुआ है। लेकिन उसूलो को भूला दिया गया। उन्होंने कहा कि गांधी जी, हिन्दु-मुस्लिम एकता जाति भेदभाव मिटाने तथा हर आंख के आंसू पोछने की बात कहते थे। उन्होंने कहा कि डॉ0 सुनीलम् ने ठीक ही कहा है कि सरकारी महकमो का काम लोक भाषा में होना चाहिए। जो लोग अंग्रेजी में सोचते है वे शायद यह नही समझ सकते। उन्होंने कहा कि डेढ लाख का पंलग 80 हजार की कुर्सी तथा 16 करोड के मकान मे रहने वाले मुख्यमंत्री गांधी के बात कहें तो उसे कौन समझेगा? उन्होंने कहा कि हमे आजादी की जंग को जारी रखने की जरूरत हैं। स्वतंत्रता आन्दोलन के मूल्यो को धरती पर उतारने के लिए संघर्षाे की जरूरत है। श्री फयाज भट्ट ने कहा कि कष्मीर के नेता प्रदेष में एक बात करते है दिल्ली में दुसरी बात करते है। उन्होंने कहा कि बडे काम की शुरूआत भी एक छोटे से कदम से होती है आईए हम सब मिलकर अमन कायम करे। श्री हरीष शाह ने कहा कि मैं यात्रियो से मिलने और उन्हें धन्यवाद देने आया हॅू उन्होंने कहा कि जम्मू कष्मीर के संसाधनो की मैपिग की जाए तथा हर नागरिक को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना बनाई जाए उन्होंने कहा कि जब लोगो के पेट भरे होते है तब फसाद कम होते है। कार्यक्रम में दूरदर्षन की पूर्व संचालक शहजादी साइमन तथा श्रीनगर के डीसी सहित कष्मीर के अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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