राष्ट्रीय एकात्मता व अन्याय के खिलाफ संघर्ष

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यूसुफ मेहरअली युवा बिरादरी

उद्देयः राष्ट्रीय एकात्मता व अन्याय के खिलाफ संघर्ष

आज्  देश् में धार्मिक असंतोष, जातिय द्वेष, बेकारी व बेरोजगारी, मॅहगाई, शिक्षा, पानी, स्वास्थय के सवाल हल होने के बजाए और भी गंभीर होते जा रहे हैं। इसका सीधा असर आम लोग, पिछडे समाज, किसानो पर हो रहा है। इस कारण उनमें असंतोष और असुरक्षा की वजह से आत्महत्याएं बढ रही हैं, ऐसी हालात में हमारे राष्ट्र के कुछ बडे लोगों द्वारा तय कि हुई, विकास निती अपने निजी स्वार्थ के लिए वे लागूू करवा रहें है। जो अन्याय और शोषण पर आधारित हैं आज अपने पर होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के बजाए, इसे सहने की प्रवृत्ति आज बढ रही है। ऐसी मानसिकता हम सबके अर्थिक, समाजिक बौद्धिक विकास के लिये बहुत खतरनाक बात है। समाज में ऐसा ना हों इसलिए जिन युवाओं के मन में जुनून, अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज उठाकर न्याय और अपने अधिकारो के लिये संघर्ष करने का जज्बा हो और जो चाहते है, समाज में बढ रही आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, असमानता में बदलाव हो इस बदलाव के कार्य में जो अपना तन, मन, धन से योगदान दे रहें हैं, या देना चाहते हैं ऐसे युवा साथीयों का यूसुफ मेहरअली युवा बिरादरी संगठन है।

'' समाज की क्रुरता और कुरूपता का मै विरोध कराता हॅॅू, इस कारण मै समाजवादी हूॅ। '' ऐसा कहने और करने वाले स्वातंत्र सेनानी, समाजवादी नेता यूसुफ मेहरअली इनके जन्मषताब्दी के अवसर पर 23 सितंम्बर 2003 में गॉधीवादी, सर्वोदयी नेता न्यायमूर्ती चंद्रषेखर धर्माधिकरी के अध्यक्षता में तथा स्वातंत्रय सेनानी, समाजवादी नेता जी. जी. परिख इनके मार्गदर्षन में इस संगठन की नीव रखी गई। सांप्रदायिक सद्भाव, अन्याय और शोषण के खिलाफ शांति मार्ग से संघर्ष खडा करना, इस उद्देष्य को लेकर देष के आम आदमी का विकास केन्द्रभूत मान के काम शुरू हुआ। इन्ही विचारो और संस्कारो को लेकर 9 अगस्त से 12 अक्टूबर 2003 तक शांति-सद्भाव-समता यात्रा का आयोजन किया गया थां यह यात्रा तारा गॉव पनवेल से शुरू होकर गोवा, कर्नाटक, आंध्रप्रदेष छत्तीसगझ, मध्यप्रदेष, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली इन राज्यों में कई जगहों पर सभा पथनाटय, बैठक इनक कार्यक्रमों द्वारा लोक प्रबोधन का काम करते हुए जनता केन्द्र मुम्बई में यात्रा का समापन हुआ। इस यात्रा को हरी झंडी समाजवादी साथी मधु दंडवतेजी ने दिखाई थी, तथा इस यात्रा को दिल्ली में भूतपूर्व राष्ट्रपती माननीय के आर नारायणजी ने संबोधित किया था।

यूसुफ मेहेरअली युवा बिरादरी द्वारा 2002 सितंम्बर से 2009 जून तक अलग-अलग राज्यों में किए कार्याे की निम्नलिखित जानकारीः-

1. शांति सदभाव समता यात्रा संपूर्ण भारत में आयोजन,

2. कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षित करने के लिए शिविरों का आयेजन,

3. शिक्षा, बेरोजगारी, सूचना का अधिकार पर सेमिनार और जन आंदोलनों का इन्ही संवालो पर सहयोंग

4. ग्रामीण स्तर पर कार्य

5. असंगठित मजदूरो के मुद्दे पर संघर्ष

6. खादी ग्रामोद्योग आंदोलन का प्रचार-प्रसार इत्यादी कार्याे में योगदान।

जल, जमीन, जंगल, जैसे सवालो पर चल रहें खादी ग्रामोद्योग समाजवादी संस्थाओं और संगठनो के जनआंदोलनो के कर्यक्रमों में अपना सहयोंग देना भी युवा बिरादरी के साथयों की प्राथमिकता है।

देश् भर के युवाओं में आजादी के समय के अधूरे सपने राष्ट्रीय एकातमता के लिए नई चेतना जगाने का कार्य बडे पैमाने पर करने की कोशिश् यूसुफ मेहेरअली युवा बिरादरी कर रहा है। अम अपने कार्य को देष व्यापी आंदोलन का रूप देने का प्रयास कर रहें।

इन्ही सवालो से रू-ब-रू होने और उनका जवाब हासिल करने के उद्देष्य से यह यात्रा की जा रही है। '' एक आवाज है सबकि अब भारत देष को परिवर्तन की आवष्यकता है।'' भारत की 80 प्रतिषत जनता के अनुकूल परिवर्तन का स्वपन साकार करने और अपने देष के प्रति हमारे कर्तैव्य को पूरा करने में आप हमारा सहयोंग करें अगर आप हमारे कार्य से जुडना चहते हैं और उपकी उम्र 18 से 35 साल तक है तो, आप इस संगठन के सदस्य बन सकते है।

युवाओं से मिली प्रतिग्रिया है कि, आजादी से 60 साल बाद भी युवा संतुष्ठ नही है। युवाओं के मन में कई सवाल है आज की परिस्थियों को लेकर ?

एक आवाल है सबकि, अब भारत देष को परिवर्तन की आवष्यकता है।'' आप हम युवाओं को भारत की 80 प्रतिश्त  जनता का सपना साकार करने में और अपने देश् के प्रति हमारे कर्तव्य को पूरा करने में सहयोग करें।

'' हर जोर जुल्म की टक्कर में, सघर्ष हमरा नारा है।''

जय हिन्द ! जय युवा!!

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