47 वॉ दिन - 23 सितम्बर, जयपुर, भरतपुर

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47 वॉ दिन - 23 सितम्बर, जयपुर, भरतपुर

जयपुर में समाजवादी पार्टी की पदाधिकारियो द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया तथा संक्षिप्त कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम को सम्बोधिंत करते हुए पं0 रामकिषन ने कहा कि मनुष्य की पूर्णता का नाम डॉ0 लोहिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी इलाको को हिलाने के लिए दो या तीन लोहियावादी ही काफी है मोतीराम जाट, विनोद यादव, सविता चौधरी एवं अनिल गहलौत ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया। मुख्य कार्यक्रम जयपुर के हदृयस्थल-मैदान में हुआ। श्री मदनमदिर ने कहा कि मैं यह पूरे विष्वास के साथ कह सकता हू कि डॉ0 सुनीलम् की यात्रा समाजवादी आन्दोलन की तस्वीर को बदलने में कामयाब होगी उन्होंने कहा कि डॉ0 लोहिया के बाद मुझे डॉ0 सुनीलम् से उम्मीद बनती है कि वे देष में परिवर्तन की प्रक्रिया को तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि यात्री दल का हर सदस्य सूरमा है। उन्होने कहा कि हम वंचितो की पगडण्डी पर चल रही डॉ0 लोहिया की सेना है जब चारो तरफ से समाजवाद पर हमले हो रहंे हो तब डॉ0 लोहिया ने पंूजीवादियो को मुंहतोड जवाब देने के लिए यात्रा निकाली है। श्री मुकेष वाल्मिकी ने कहा कि संघर्ष करने वालो को देष की सत्ता हासिल नही हुई। उन्होंने कहा कि जैसे पुष्कर के पंढे करते है वैसा ही भेदभाव सत्ता चलाने वाले हमारे साथ करते है। 28 वर्षाे तक कांग्रेस में रहने के बाद मुझे लगा की देष में परिवर्तन की प्रेरणा केवल डॉ0 सुनीलम् ही दे सकते है। श्री अर्जुनदानदेथा ने कहा कि चीन आज फिर से भारत को चुनौती दे रहा है डॉ0 लोहिया ने इस चुनौती को बहुत पहले समझ लिया था। दाम बांधने का संवाल आज भी महत्वपूर्ण है उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने को खानदानी राज करने वाली पार्टी मानती है पक्ष विपक्ष दोनो अमरीका के पिछल्लगू बने हुए है। पंडित रामकिषन ने कहा कि पहले लोहिया की किताबे पढ़ो। उन्होंने कहा कि मुझे लगता हैं अनेक समाजवादी नेता कम उम्र में अधिक प्रसिद्धि पा गए इसके चलते समाजवादी आन्दोलन में टूट हुई। उन्होंने कहा कि समाजवादियो के बीच सिद्धान्त एवं कार्यक्रमो का एका बनाया जाना जरूरी है श्री थानसिंह पूर्व सांसद ने कहा कि जीवन के अंतिम काल में डॉ0 लोहिया और डॉ0 अम्बेडकर एकसाथ चुनाव लडे थे हमे इसी रास्ते को आगे बढ़ाना है। रात्रि विश्राम सवाईसिन्दी के सर्वसेवा संघ के केन्द्र में किया। उन्होंने बताया कि गुर्जर आन्दोलन के बाद विधानसभा में गुर्जरो की सीटें कम हो गई। पहले 7-8 होती थी अब 4 रह गई। 3 कांग्रेस में चले गए। खासियत यह हैं कि जो गुर्जर नेता आन्दोलन में नही गए वे जीत गए। उन्होंने किसान आन्दोलन के बारे में बताया कि इसका नेतृत्व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग कर रहे है अभी उनके 3 विधायक है। पहले किसान आन्दोलन निर्दलीयो के हाथ में था अब कम्युनिस्टो के हाथ में है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में 67 गुर्जर मारे गए। पष्चिमी राजस्थान मे 6 तथा टोंक में 5 किसान मारे गए। इस तरह 11 लोग और मारे गए। झूनझुन में 1 विद्यार्थी मारा गया। जाटो का आन्दोलन हुआ तो भैरोसिंह शेखावत ने पिछडा वर्गाे में जाटो को शामिल करा दिया। कांग्रेस ने 96 सीटे जीते 6 बसपा वाले विधायक कांग्रेस में शामिल कर लिए गए। 6 निर्दलीय शामिल कर लिए गए। इस तरह कुल 108 हो गए जबकि भाजपा के 77 विधायक है। हमने राजस्थान समग्र सेवा संघ सर्वाेदय मण्डल के परिसर में ही विश्राम किया।

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