तेवीस वॉ दिन - 31 अगस्त पिथौरा

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तेवीस वॉ दिन - 31 अगस्त पिथौरा

सुबह उठा योग समय के अभाव में नही हुआ बस में योग किया सुबह गार्डिया जी आए बस स्टेण्ड पर हमालो और निर्माण मजदूरो से बात हुई। जानकारी मिली की किसी का कार्ड नहीं बना है न ही शासकीय योजनाओं की जानकारी किसी के पास है गार्डिया जी ने बताया कि बड़े पैमाने पर यहॉ से बन्धुआ मजदूर बनाकर अन्य राज्यो में मजदूर ले जाए जाते है। भूषण जाधव ने यात्रा सम्बन्धी विचार रखे। एमडी गजनिवी, बबलू नायक ने कार्यक्रमो का आयोजन किया।

सुहेला (3 ेंीमसं) के सभी स्कूल के छात्र,छात्राए सड़के के दोनो ओर लाईन लगाकर स्वागत कर रहे थे। गर्भना गांव पहुंचे इस गांव में डॉ0 लोहिया 1966 में आए थे। किषन जी गांव में लगातार आते थे समाजवादियो का यह इलाका गढ रहा है। लोहिया जी किषन जी का काम लिंगराज भाई बरगड़ के इलाके में कर रहे है भाई गजनीवी ने बताया कि वे भाई कल्याण आनन्द के काम से प्रभावित होकर यात्रा के स्वागत के लिए आए है उन्होंने आरटीओ बेरियर पर हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष छेड़ा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने कहा था कि सात लाख भूमिहीनो को भूमि दी जायेगी लेकिन भूमि कम्पनियो को दी जा रही है। 25 कम्पनियो को 80 हजार एकड़ भूमि दी जा चुकी है। अमिया दास सूचना के अधिकार के तहत इंदिरा आवास योजना की ग्रामवार जानकारी निकालकर गरीबो को मदद करने की कोषिष कर रहे है। गर्भना ग्राम में पहुंचने पर मालूम हुआ कि गांव के प्रसिद्ध कवि समाजवादी चिन्तक हेमचन्द आचार्य जो स्वंय यात्रा की तैयार में लगे हुए थ का देहान्त हो गया है। आचार्य जी के घर जाकर हमने उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा परिवारजनो से मुलाकात की। परिवारजनो ने बताया कि लोहिया जी, रविराय जी तथा किषन जी कई बार घर में आए है। हेमचन्द्र भाई को पष्चिम उड़ीसा का वाल्मिकी भी कहा जाता है। उनकी नून्नी बहिदार नामक किताब बहुत प्रसिद्ध हुई। उन्होंने हजारो कविताए और गीत लिखे है। लिंगराज भाई ने कहा कि समाजवादी आन्दोलन को पुर्नजीवित करने के उद्देष्य से यह यात्रा निकाली गई है। श्री राधाकृष्ण शर्मा जी ने समाजवादी आन्दोलन को लेकर सम्बन्धी दो लेख दिये। एक में जिक्र है कि कांग्रेस सोषलिस्ट पार्टी के गठन के समय प्रस्तावो का मजनून डॉ0 लोहिया ने तैयार किया था। दुसरे में बताया गया है कि जब जवाहरलाल जी बरगढ़ आए तथा लोगो ने भ्रष्टाचार को लेकर षिकायत की तो उन्होंने कहा कि देष का पैसा देष में ही तो जा रहा है विदेष तो नही जा रहा है। राधा कातें ने दावा किया की जल सेना में बगावात का मुख्य कारण डॉ0 लोहिया ही थे। उन्होंने बताया कि गांधी जी ने बनारस हिन्दू विष्वविद्यालय की स्थापना के अवसर पर राजे रजवाडो को कहा था कि इतनी अधिक सुरक्षा रखने से बेहतर आप लोगो का मर जाना होगा। श्री प्रषान्त मिश्रा ने विस्तृत तौर पर सप्तक्रांति तथा सम्पूर्ण क्रांति के सम्बन्ध में अपने विचार रखते हुए कहा कि जेपी ने सप्तक्रांति को ही सम्पूर्ण क्रांति के तौर पर परिभाषित किया था। यात्री साथी बरगढ़ की धर्मषाला में रूके।

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सप्त क्रांति विचार यात्राजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें