बारहवा दिन - 20 अगस्त

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बारहवा दिन - 20 अगस्त

सुबह 7.30 बजे उठा योग किया। सुबह 7.00 बजे से सिवर कोटई में कार्यक्रम हुआ। करीसकलाम पट्टी, स्वामी मल्लपट्टी गांव के किसान भी इकट्टे थे। सिवर कोटई में राजस्व कार्यालय के रिकार्ड जला दिए जाने के खिलाफ किसानो को प्रदर्षन हुआ। किसान एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे थे पुलिस राजस्व अधिकारियो के खिलाफ एफआई दर्ज करने को तैयार नही थी कार्यक्रम किसान संगठन तथा एनएपीएम के बैनर तले किया गया। श्री निवासन ने स्वागत किया। महिलाए थालियो में राई, ज्वार, आबरी, सामई के बीज लेकर आई थी। किसानो ने बताया कि 15 गांव के 20 हजार किसानो की जमीने जा रही है। सरकार आदेष जमीन अधिग्रहण हेतु जारी कर दिया गया है। लेकिन क्षेत्र को एसीजेड नही बताया जा रहा है। 2450 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने का विचार है मदरै के साथियो ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मदरै में जेपी और विनोबा भावे आए थे। रात को टूटुकुडी ने पेरिया मुनूविनायक ने बताया कि वहॉ लोहिया नगर भी बसा हुआ है। स्थानीय साथियो ने बताया कि मदुरै के पास सोलन गुरू मी में 2600 एकड़ जमीन एसीजेड में अधिग्रहण की जाने वाली थी लेकिन किसानो के विरोध के चलते अधिग्रहण को रोकना पडा। हम एक दिन पहले ही इनामआलुंगम में जो विरोध देखकर आए थे उसकी जानकारी हमने साथियो को दी। श्रीराम लिंगन ने कहा कि हमने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी चाही थी हमे जानकारी नही दी गई। बाद में पता चला की हमारी जमीनो को एसीजेड के नाम पर लिया जा रहा है। सुश्री मधुमिता ने कहा कि एसीजेड का नोटिस जारी होने के पहले ही बडी तैयारी करना चाहिए। श्री अलगिरी ने कहा है कि वे औद्योगिकरण करना चाहते है उसके लिए भूमि बैंक बनाने का काम किया गया है। सीसीआई ने तमिलनाडु सरकार से एक कार्पाेरेषन बनाने के लिए कहा है ताकि उस कार्पाेरेषन के जरिए कम्पनियो को जमीने दी जा सके। पूरे कार्यक्रम के दौरान पुलिस की 12 गाडियां वहॉ मौजूद थी। मैंने विस्तार से किसानो की आजादी के आन्दोलन में भूमिका तथा गत 63 वर्षाे में सरकारो द्वारा किसानो के साथ किए जा रहे भेदभाव की विस्तृत जानकारी किसानो के बीच रखी तथा उपस्थित किसानो को बताया कि गोवा, रायगढ़ (महाराष्ट्र), पलाचीमाढ़ा (केरल), में संघर्ष से सफलता हासिल की गई है। तमिलनाडु के अन्य जिलो में सफलता हासिल की गई है। मदुरै में हम सेन्टर फॉर सोषल एनेलेषस में पहुंचकर भोजन करते है। रास्ते में मधुमिता अच्छी खबर देती है कि अजय साहु को पास्को में उडीसा में जमानत मिल गई है। अजय साहु हिन्दुस्तान के सबसे बडे 51 हजार करोड़ की पूंजि से बनने वाले सबसे बडे प्लांट को लगाए जाने का विरोध कर रहे है। उन पर 132 से अधिक मुकदमे थौपे जा चुके है। दोपहर में मदुरै में एनएपीएम के बैनर तले गेव्रियल द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 250 से अधिक महिलाऐ उपस्थित थी। तमिलनाडु के सभी कार्यक्रम में 90 प्रतिषत से अधिक महिलाओं की भागीदारी देखने मिली। वक्ताओ ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू अर्बन मिषन के नाम पर गरीबो को उजाडने की साजिष की जा रही है तथा जो कल्याण बोर्ड बने है उन्हें खत्म करने की कोषिष हो रही है जबकि जरूरत एसीजेड कानून को खत्म करने की है। साथियो ने बताया कि नारायण स्वामी नायडू तमिलनाडू के प्रमुख नेता रहे है लेकिन किसान संगठन बटे होने के कारण किसानो की कोई बडी लडाई नही हो पा रही है। नदीयो के बटवारे का सवाल मुख्य बन गया है जबकि एग्रीकल्चर प्रेक्टीसेस बील पर किसानो का संघर्ष केन्द्रीत होना चाहिए। गीता जी ने कहा कि वे चाहती है किसान संगठन एक मंच पर आए उन्होंने कहा कि दक्षिण और उत्तर भारत के किसान संगठनो के बीच समन्वय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस काम डॉ0 सुनीलम् को हाथ में लेना चाहिए हम सभी इस काम में उनकी मदद करने को तैयार है।

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