दसवां दिन - 18 अगस्त

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दसवां दिन - 18 अगस्त

10 बजे कोयटम, 12 बजे चंगनाचेरी वहॉ पर हमारा स्वागत किया गया। 1 बजे दोपहर तिरूवल्ला (एम.एस. थामस केन्द्र) आदूर भोजन जिसका इंतजाम इंसाफ जोष एम.को ओ. एवं श्रीमती प्रसन्ना ने किया था। अडूर त्रिवेन्द्रम रात्रि विश्राम कन्याकुमारी में किया।

डॉ. एम.एम. थामस (पूर्व गवर्नर मेघालय एवं नागालैण्ड के पेन्ना (पत्नी) भवन में पहंचे जहॉ डॉ0 वर्गीस जार्ज ने हमारा स्वागत किया। घर को ट्रस्ट में बदल दिया गया है। वहा से समाजवादी आन्दोलन केन्द्र कार्य कर रहा है।

त्रिवेन्द्रम के कार्यक्रम में पी. विश्वम्भरन पूर्व सांसद, एस.आर. धनराज पूर्व विधायक, डॉ. विवेकानंद (पूर्व प्राध्यापक जे.एन.यू. पदमश्री विश्वनाथन, गोपीनाथ नैयर, चारपारा रवि, सीपी. जॉन सचिदानंद जी, सर्वसेवा मण्डल, श्री गोपीनाथ जी ने कहा कि लोकतंत्र तभी विभाजित हो सकता हैं जब केवल मैं नही हो केरल विरोधी ही नही हो। साथ में कम होना चाहिए। लोहिया जी ने कहा पुरी से विरोध किया साथ काम किया। एक हाथ से दुसरे हाथ लोग भी विश्वनाथन ने कहा कि लोहिया विचारो वाले व्यक्ति थे। उन्होने कहॉ गांधी के बाद लोहिया जी ऐसे विचारो के व्यक्ति थे जो दुनिया की पूरी समझ सकते थे। उन्होनंे कहा कि देष में तीसरी शक्ति को खडा करने की जरूरत श्री जी.जान ने कहा कि बीमारी बावत खड़े करने की जरूरत है जिसकी जिम्मेंदारी डॉ. सुनीलम् पर हैं। सोशलिस्ट फ्रंट की प्रमाणित किया गया हैं समाजवादियो को एकजुट करने के लिए। प्रो. विवेकानंद ने कहा कि समाजवादी एकजुट एवं समाजवादी संघर्ष से ही राजनीतिक ताकत खड़ी की जा सकती हैं जिसमें आज ऐतिहासिक आवश्यकता है।

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