सातंवा दिन -15 अगस्त

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सातंवा दिन -15 अगस्त

बैंगलोर में ठहरने और भोजन का इंतजाम श्री पी.जी.आर. सिंिधया, पूर्व मंत्री एवं जनता दल (सेक्यू) के नेताओ द्वारा किया गया था। हमने हॉटल मोतीमहल में झण्डा फहराया। जहॉ हॉटल के मालिक श्री जगदीष ने पूर्व सांसद श्री रामा रेड्डी के बारे में बताया। कन्नड़ साहित्य परिषद् के हॉल में पहुंचकर नाश्ता किया। कार्यक्रम श्री कृष्णा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। श्री यू.आर. अंनत मूर्ति ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि सप्तक्रांति में लोहिया जी ने निजता के संवाल को अहम माना था। आज डिजीटल राज में कुछ भी व्यक्तिगत, निजी और अपना नही रह गया हैं। उन्होंने कहा कि सप्तक्रांति यात्रा का प्रयास डॉ. सुनीलम् द्वारा 'नोहा के नौका' जैसा हैं। जिसमें उन्होंने सृष्टि को आगे ले जाने के लिए विचार रखे हैं उन्होंने बर्मा में लोकतंत्र की बहाली और आनसान सू की रिहाई को लेकर सरकार द्वारा कुछ भी ना किये जाने पर दुःख प्रगट किया। गोपालगौड़ा व डॉ. लोहिया के रिश्तो को लेकर भी उन्होंने प्रकाश डाला। उन्होंने राम मनोहर को विषेष तौर पर आशिर्वाद दिया।

दूरदर्शन से रिटायर हुये अधिकारी श्री अच्युतन ने कहा कि समाजवाद का इन्फेक्शन उन्हें सेंकडरी इन्फेक्शन के तौर पर लगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का स्वतंत्रता लोकतंत्र का जड मूल हैं। श्री अच्युनन ने बैगलौर में एस. नागभूषण द्वारा की गई 53 दिन की हडताल का उल्लेख किया। गुड्डी ने अरूणा आसिफ अली की जन्मशताब्दी मनाये जाने का आग्रह किया। श्री कृष्ण ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के बाद मेरी चर्चा हेमंत कुमार, राचप्पा हडपद और चंद्रशेखर से हुई। उन्होंने बताया कि किस तरह से उन्होंने किसान आन्दोलन खड़ा किया। चन्द्रशेखर ने कहॉ कि आन्दोलनकारियो को इस्तेमाल समाज के लोग करते हैं। उनका उपयोग करके छोड़ देते है। इससे समाज के आदर्षवादी ऊर्जावान लोगो की शक्ति समाप्त हो जाती हैं। किसी भी विचारधारा के लिए काम करने वाले ईमानदार प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं का समाज कैसे अधिकतम उपयोग कर सके इस पर सोचना जरूरी हैं। कार्यक्रम के रामेगौडा ने रूपये 5000 तथा समिति की ओर से यात्रा को रूपये 10,000 देने की घोषणा अलीबाबा द्वारा की गई।

सप्त क्रांति विचार यात्राजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें