Part 2

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किस तरह उसका पति एक और बच्चे के लिए उसके साथ ज़बरदस्ती सम्भोग करता था और अपने दोस्तों के सामने उसकी खिल्ली उड़ाता था। अशोक आराम से उसकी बातें सुनता रहा और बीच बीच में उसका सिर या पीठ सहलाता रहा। एक दो बार उसको पानी भी पिलाया जिस से कामिनी का रोना कम हुआ और उसकी हिम्मत बढ़ी।
धीरे धीरे उसने सारी बातें बता डालीं जो एक स्त्री किसी गैर मर्द के सामने नहीं बताती। कामिनी को एक आजादी सी महसूस हो रही थी और उसका बरसों से भरा हुआ मन हल्का हो रहा था। कहानी ख़त्म होते होते कामिनी यकायक खड़ी हो गई और अशोक के सीने से लिपट गई और फिर से रोने लगी मानो उसे यह सब बताने की ग्लानि हो रही थी।
अशोक ने उसे सीने से लगाये रखा और पीठ सहलाते हुए उसको सांत्वना देने लगा। कामिनी को एक प्यार से बात करने वाले मर्द का स्पर्श अच्छा लग रहा था और वह अशोक को जोर से पकड़ कर लिपट गई। अशोक को भी अपने से 12 साल छोटी लड़की-सी औरत का आलिंगन अच्छा लग रहा था।
वैसे उसके मन कोई खोट नहीं थी और ना ही वह कामिनी की मजबूरी का फायदा उठाना चाहता था। फिर भी वह चाह रहा था कि कामिनी उससे लिपटी रहे। थोड़ी देर बाद कामिनी ने थोड़ी ढील दी और बिना किसी हिचकिचाहट के अपने होंट अशोक के होंटों पर रख दिए और उसे प्यार से चूमने लगी।
शायद यह उसके धन्यवाद करने का तरीका था कि अशोक ने उसके साथ इतनी सुहानुभूति बरती थी। अशोक थोड़ा अचंभित था। वह सोच ही रहा था कि क्या करे ! जब कामिनी ने अपनी जीभ अशोक के मुँह में डालने की कोशिश की और सफल भी हो गई।
अब तो अशोक भी उत्तेजित हो गया और उसने कामिनी को कस कर पकड़ लिया और जोर से चूमने लगा। उसने भी अपनी जीभ कामिनी के मुँह में डाल दी और दोनों जीभों में द्वंद होने लगा। अब अशोक की कामुकता जाग रही थी और उसका लिंग अंगडाई ले रहा था। एक शादीशुदा लड़की को यह भांपने में देर नहीं लगती।
सो कामिनी ने अपना शरीर और पास में करते हुए अशोक के लिंग के साथ सटा दिया। इस तरह उसने अशोक को अगला कदम उठाने के लिए आमंत्रित लिया। अशोक ने कामिनी की आँख में आँख डाल कर कहा कि उसने पहले कभी किसी पराई स्त्री के साथ ऐसा नहीं किया और वह उसका नाजायज़ फायदा नहीं उठाना चाहता।
अब तो कामिनी को अशोक पर और भी प्यार आ गया।

कामसुख(Completed)Wo Geschichten leben. Entdecke jetzt